वेटलिफ्टिंग में कठिन संघर्ष के बाद मीरा की प्रेरक कहानी, कोच और बच्चों से मिली प्रेरणा ने दिलाया अंतरराष्ट्रीय रजत

Mirabai Chanu: विश्व चैंपियनशिप से पहले मीरा खुद से लड़ रही थीं। उन्हें 48 किलो भार वर्ग में खेलना था, जबकि उनका वजन 50 किलो के आसपास था। नॉर्वे में कड़ाके की सर्दी और प्रतियोगिता के दबाव ने स्थिति और कठिन बना दी थी। मीरा ने दो दिन पहले ही खाने का त्याग कर केवल पानी और सूप के सहारे वजन घटाया। इस कठिन जंग के बाद वे बमुश्किल 48 किलो पर पहुंचीं और प्रतियोगिता में उतरीं।
पसंदीदा भोजन इरोंबा और चावल का त्याग
कोच और परिवार से मिली प्रेरणा
मीरा ने बताया कि उनका यह पदक उनके लिए बहुत बड़ा है। इसे उन्होंने अपने कोच विजय शर्मा और परिवार को समर्पित किया। पेरिस ओलंपिक के बाद उन्हें टूटने नहीं दिया और हर समय हौसला बढ़ाया। कोच और परिवार की प्रेरणा ने उनके अंदर विश्वास जगाया कि वह अपनी मंजिल तक पहुंच सकती हैं।
बच्चों ने बढ़ाया आत्मविश्वास
मीरा मोदीनगर अकादमी में छह से आठ साल के बच्चों के साथ अभ्यास करती हैं। प्रतियोगिता से पहले बच्चों ने वीडियो कॉल करके उन्हें शुभकामनाएं दीं। बच्चों की प्यारी आवाज और प्रोत्साहन मीरा के लिए प्रेरणा बन गया। अंतिम लिफ्ट में रजत हासिल करने के लिए बच्चों का यह समर्थन निर्णायक साबित हुआ।
अंतिम लिफ्ट की रणनीति ने दिलाया रजत
मीरा को अंतिम लिफ्ट में हर हाल में 115 किलो वजन उठाना था। कोच विजय शर्मा ने दूसरी लिफ्ट में 113 किलो दर्ज किया था, लेकिन थाईलैंड की लिफ्टर के प्रदर्शन के बाद रणनीति बदल दी गई। मीरा ने यह 115 किलो बिना किसी मुश्किल के उठा लिया और रजत जीतकर देश का मान बढ़ाया।
भारतीय वेटलिफ्टिंग महासंघ को मिली मान्यता
अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग महासंघ ने भारतीय वेटलिफ्टिंग महासंघ के हालिया चुनाव को मान्यता प्रदान की। सहदेव यादव हाल ही में अध्यक्ष बने हैं। भारतीय महासंघ को अगले वर्ष अहमदाबाद में एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी भी सौंपी गई है।