छठ व्रत में सेहत का भी रखें ख्याल: 36 घंटे के निर्जला उपवास से पहले नींद, जल और धूप का रखें ध्यान



व्रत शुरू करने से पहले लें भरपूर नींद और धूप से बचें
चिकित्सकों के अनुसार, व्रत शुरू करने से पहले शरीर को पर्याप्त विश्राम देना बेहद जरूरी है। नींद की कमी से शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे निर्जला व्रत के दौरान कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
साथ ही, धूप में लंबे समय तक रहने से बचना चाहिए, ताकि डिहाइड्रेशन या सनस्ट्रोक की समस्या न हो। हार्ट, बीपी या शुगर के मरीजों को व्रत से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए ताकि किसी प्रकार का खतरा न हो।
बीपी मरीज दवाओं के उपयोग में रखें विशेष सावधानी
आईजीआईसी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बीपी के मरीजों को व्रत के दौरान अपनी दवाओं में खास ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि लंबे असर वाली दवाएं न लें, क्योंकि वे निर्जला व्रत के दौरान बीपी को असंतुलित कर सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह से कम असर अवधि वाली दवाएं लें और व्रत समाप्त होने के बाद तीन-चार दिनों तक बीपी की नियमित जांच करते रहें। उन्होंने यह भी कहा कि नमक का सेवन सीमित रखें और शरीर में पानी की कमी न होने दें, वरना चक्कर या थकान की स्थिति बन सकती है।
हार्ट, बीपी और शुगर के मरीजों के लिए चिकित्सकीय सुझाव
आईजीआईसी के उपनिदेशक डॉ. रोहित कुमार ने बताया कि हार्ट, बीपी और शुगर के मरीजों को व्रत से पहले डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाओं की डोज एडजस्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी का ब्लड प्रेशर या शुगर लेवल ज्यादा है, तो व्रत के दौरान विशेष सतर्कता जरूरी है।
व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए खरना के प्रसाद में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही, अधिक मेहनत वाले कामों से बचें, दवाएं समय पर लें, और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
पारण के समय शरीर को धीरे-धीरे सामान्य करें
पटना वीमेंस कॉलेज की क्लीनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. सुप्रिया ने कहा कि 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद पारण के समय शरीर को धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लाना जरूरी है।
उन्होंने सुझाव दिया कि व्रत तोड़ने की शुरुआत ठेकुआ के साथ पानी या नींबू पानी से करें ताकि शरीर धीरे-धीरे हाइड्रेट हो सके। तुरंत भारी या तला-भुना भोजन न करें, इससे पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। पहले हल्का नाश्ता, जूस या फल लें और एक से दो घंटे बाद ही सामान्य भोजन करें। पूरे दिन में छोटे-छोटे आहार लेते रहें ताकि शरीर पर अचानक बोझ न पड़े और पाचन ठीक से हो।