तेज प्रताप यादव की नजर मुजफ्फरपुर पर, नई पार्टी जनशक्ति जनता दल से राजद में खलबली

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के जरिए अलग राजनीतिक राह पकड़ ली है। लालू परिवार इस बार एकजुट रूप से नहीं, बल्कि विभाजित रूप में मैदान में उतरता दिख रहा है। तेज प्रताप यादव इन दिनों मुजफ्फरपुर में लगातार दौरे कर रहे हैं जिससे राजद खेमे में बेचैनी साफ झलक रही है।
मुजफ्फरपुर पर विशेष फोकस

अलग विचारधारा से बन रही नई पहचान
तेज प्रताप यादव खुद को माता-पिता के आशीर्वाद में रहने वाला बताते हैं, लेकिन वैचारिक रूप से नई सोच पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। वे गांधीवादी विचारधारा और आस्था का मिश्रण प्रस्तुत कर रहे हैं। हाल ही में वे मीनापुर में बापू की प्रतिमा को भाजपा का रंग देने की खबर पर पहुंचे और घटना की निंदा की। वहीं गायघाट में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा।
धार्मिक आस्था और राजनीतिक संदेश
तेज प्रताप का श्रीकृष्ण प्रेम और धार्मिक छवि हमेशा चर्चा में रहती है। नवरात्र के दौरान उन्होंने मीनापुर के पूजा पंडालों में माता का दर्शन किया और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। यही छवि अब राजद के लिए चिंता का कारण बन रही है, क्योंकि यादव मतदाताओं में तेज प्रताप की लोकप्रियता इन सीटों पर राजद के पारंपरिक वोट बैंक पर असर डाल सकती है।
तीन सीटों पर तेज प्रताप की मौजूदगी
तेज प्रताप के दौरे मुख्य रूप से मीनापुर, गायघाट और बोचहां सीटों पर केंद्रित रहे हैं—तीनों ही सीटों पर वर्तमान में राजद के विधायक हैं। यादव मतदाताओं की भूमिका इन क्षेत्रों में निर्णायक मानी जाती है। सूत्रों के अनुसार, यदि मुकाबला नजदीकी रहा तो तेज प्रताप की सेंधमारी का सीधा असर नतीजों पर पड़ सकता है।
राजद नेताओं की प्रतिक्रिया
राजद के जिलाध्यक्ष रमेश गुप्ता ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि लालू यादव से ही तेज प्रताप की पहचान है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को तेज प्रताप की वजह से कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि वे लालू प्रसाद की ही विचारधारा का विस्तार हैं।
सारण में फर्जी केस दर्ज कराने पर गिरफ्तारी
सारण जिले के अमनौर थाना क्षेत्र में एक राजनीतिक पार्टी के समर्थक उज्जवल कुमार सिंह को फर्जी मामला दर्ज कराने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह विधानसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशी बताए जा रहे हैं। पुलिस जांच में यह पाया गया कि उज्जवल कुमार सिंह ने अपने प्रतिद्वंद्वी को फंसाने के लिए फर्जी साक्ष्य पेश किए।
झूठे साक्ष्य पेश करने के आरोप
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने एक कट्टा और रॉयल स्टैग व्हिस्की की टूटी सील वाली बोतल को सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया था। जांच में साक्ष्यों में विसंगतियां पाई गईं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह घटना आगामी चुनावों के माहौल में प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप की बढ़ती राजनीति को दर्शाती है।