इंदौर में भीषण आग: कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल की दर्दनाक मौत, परिवार के तीन सदस्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्षरत



सेंट्रल लॉक ने रोका बाहर निकलना
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आग लगने की वजह संभवतः पूजा घर में जल रही अखंड ज्योत थी। इसके बाद जब आग बढ़ी तो घर का इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सिस्टम जाम हो गया, जिससे सेंट्रल लॉक बंद हो गया और परिवार बाहर नहीं निकल सका।
फायर ब्रिगेड की टीम ने पहुंचकर दरवाजे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक प्रवेश अग्रवाल की दम घुटने से मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि उन्होंने पहले अपनी पत्नी और बेटियों को बचाया, मगर खुद आग और धुएं के बीच फंस गए।
शोरूम मालिक की जान चली गई
हादसे के वक्त घर के नीचे सुरक्षा गार्ड मौजूद थे, परंतु वे समय रहते कोई मदद नहीं कर सके। यह भी बताया गया कि धुएं और आग की तीव्रता के कारण कोई भी अंदर नहीं जा पाया।
सौम्या मोटर्स नाम से इंदौर में कई शोरूम चलाने वाले प्रवेश अग्रवाल न सिर्फ व्यवसायी थे बल्कि राजनीति में भी सक्रिय थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेहद करीबी माने जाते थे और नर्मदा युवा सेना के संस्थापक भी थे।
ग्वालियर के मूल निवासी थे प्रवेश
प्रवेश अग्रवाल मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले थे। उनके भाई मुकेश अग्रवाल और अन्य पारिवारिक सदस्य वहीं रहते हैं। उनका व्यवसाय केवल इंदौर तक सीमित नहीं था - वे महाराष्ट्र और गुजरात में भी कई ऑटोमोबाइल एजेंसियों का संचालन करते थे। इसके अलावा, वे देवास क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे और कांग्रेस संगठन के अंदर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती थी।
कमल नाथ ने जताया गहरा शोक
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा,
“इंदौर में आग लगने की दुर्घटना में कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल के निधन और उनकी पत्नी के गंभीर रूप से अस्वस्थ होने का समाचार सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई। अग्रवाल कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार के अन्य सदस्यों को शीघ्र स्वस्थ करें। ओम शांति।”
कमल नाथ के इस संदेश के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी दुःख और संवेदना व्यक्त की।
पूरा इंदौर शोक में डूबा
इस दुखद हादसे के बाद इंदौर शहर में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक अस्पताल के बाहर जुटे रहे। सभी ने इस घटना को तकनीकी लापरवाही और सुरक्षा मानकों की कमी का परिणाम बताया। फायर विभाग ने कहा कि आग के वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है और सिक्योरिटी सिस्टम की भूमिका पर भी विशेष जांच होगी।