जैसलमेर बस अग्निकांड में एक और मौत, संख्या 26 पर पहुंची — तीन बच्चों को खो चुकी मां ने भी तोड़ा दम


तीन बच्चों को खो चुकी महिला की भी मौत

वायरल हुआ था महिपाल सिंह का दर्दनाक वीडियो
हादसे के कुछ दिन बाद 18 अक्तूबर को महिपाल सिंह नामक युवक ने भी जोधपुर अस्पताल में दम तोड़ दिया। वे एयरफोर्स की परीक्षा देकर जैसलमेर से अपने गांव लौट रहे थे और हादसे में 35 प्रतिशत तक झुलस गए थे। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे दर्द से तड़पते हुए मदद की गुहार लगा रहे थे। यह दृश्य लोगों के दिलों को झकझोर देने वाला था।
16 अक्तूबर को चलती एसी बस में लगी थी आग
16 अक्तूबर की दोपहर जैसलमेर जिले में यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक चलती एसी बस में अचानक आग लग गई। बस में 45 से अधिक यात्री सवार थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एसी यूनिट में शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़की, जिसने कुछ ही मिनटों में पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। बस का गेट लॉक हो जाने से यात्री बाहर नहीं निकल पाए और कई लोग जिंदा जल गए। कुछ यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर अपनी जान बचाई।
दमकल ने कई घंटों की मशक्कत के बाद बुझाई आग
घटना की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। फायर कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हादसे में स्थानीय पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान सहित 20 से अधिक लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से झुलसे 19 यात्रियों को जोधपुर रेफर किया गया था। यह हादसा राजस्थान में हाल के वर्षों की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक बन गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहुंचे घटनास्थल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हादसे की जानकारी मिलते ही देर रात जैसलमेर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद वे जोधपुर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों और परिजनों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा और आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जांच में जुटे पुलिस और परिवहन विभाग
अस्पताल प्रशासन घायलों की हालत पर लगातार नजर रखे हुए है। वहीं, पुलिस और परिवहन विभाग हादसे के तकनीकी कारणों की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में एसी यूनिट के शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण बताया गया है। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक मुआवजे की घोषणा की है। पूरी जांच रिपोर्ट शीघ्र ही राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।