सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने हलाल सर्टिफिकेट बैन पर उठाए संवैधानिक सवाल, सरकार से मांगा प्रमाण


धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का आह्वान

व्यापारिक स्वतंत्रता पर रोक भी गलत
बर्क ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(g) का उल्लेख करते हुए कहा कि व्यापारिक स्वतंत्रता पर रोक लगाना भी गलत है। उन्होंने सरकार की नीति में दोहरी मापदंड को उजागर किया और पूछा कि यदि प्रदेश में हलाल उत्पादों की बिक्री पर रोक है, तो फिर निर्यात होने वाले हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही।
सरकार की दोहरी नीति पर सवाल
सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार निर्यात से होने वाले टैक्स के कारण घरेलू रोक लगाने में हिचकिचा रही है। उनका कहना है कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए और किसी भी प्रकार की आर्थिक या राजनीतिक प्राथमिकता से सांस्कृतिक और व्यापारिक स्वतंत्रता की बाधा नहीं डाली जानी चाहिए।
योगी सरकार के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया
बर्क ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान को चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए गैर-खाद्य वस्तुओं से लगभग 25 हजार करोड़ रुपये कमाए गए और इसका इस्तेमाल आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण में हुआ। सांसद ने इसे सत्यापन रहित आरोप बताते हुए सरकार से प्रमाण पेश करने की मांग दोहराई।
लोकतंत्र और न्यायिक समानता की रक्षा का संदेश
सपा सांसद का कहना है कि भारत एक संवैधानिक और लोकतांत्रिक देश है, जहां किसी भी धार्मिक या व्यावसायिक गतिविधि पर अकारण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को संविधान के अनुच्छेदों और न्यायिक समानता के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और जनता के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
- हलाल सर्टिफिकेट पर रोक को लेकर सपा सांसद बर्क ने उठाए संवैधानिक और लोकतांत्रिक सवाल
- धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25-28) और व्यापारिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19/1 G) पर जोर
- निर्यात पर रोक नहीं, घरेलू उत्पादों पर रोक को लेकर सरकार की दोहरी नीति पर तीखा आरोप
- योगी सरकार द्वारा लगाए गए आतंकवाद और धर्मांतरण के आरोपों को चुनौती