'गद्दी विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं', दीपोत्सव पर बयान को लेकर योगी का अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार



दीपोत्सव पर बयान से सनातन धर्म से नफरत सिद्ध
गोरखपुर में 'दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के बयान को बचकाना बताया। उन्होंने कहा:
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"दीपावली पर दीये जलाने के विरुद्ध बयान देकर अखिलेश यादव ने यह सिद्ध कर दिया है कि उन्हें अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर, देवी-देवताओं, सनातन धर्म और दीपावली जैसे पर्व-त्योहारों से भी नफरत है।"
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योगी ने कहा कि सपा प्रमुख को यह नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हैं, और मिट्टी के उत्पाद आर्थिक निर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक हैं।
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मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश दुर्योधन की मूर्ति लगाने की बात करते हैं, हमने कहा कंस की भी मूर्ति लगवा लो। उन्होंने सपा को रामद्रोही, कृष्णद्रोही और सनातन पर्व द्रोही करार दिया।
राम मंदिर पर संघ की सराहना और विपक्ष पर हमला
मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद बने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान की सराहना की।
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उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने लाठी गोली खाई, बंदिशें झेलीं, जिसके परिणाम स्वरूप आज भव्य श्रीराम मंदिर सबके सामने है।
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योगी ने सपा, कांग्रेस और 'इंडी' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग राम मंदिर को लेकर प्रश्न करते थे।
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उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया कि उसने अदालत में हलफनामा देकर भगवान राम और कृष्ण को 'मिथक' बताया था, जबकि सपा ने राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं।
अयोध्या में रिकॉर्ड दीपोत्सव और 'राजनीतिक इस्लाम' पर रोक
मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या, जो साढ़े आठ वर्ष पूर्व वीरान थी, अब उसका भव्य दीपोत्सव एक नई पहचान बन गया है। इस बार 26 लाख 17 हजार दीये जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बना है।
इसके साथ ही, योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश और फ्रांस के उपनिवेश के खिलाफ ही नहीं, बल्कि 'राजनीतिक इस्लाम' के खिलाफ भी मोर्चा लिया था। उन्होंने 'हलाल सर्टिफिकेशन' उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे मिलने वाले रुपये से धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा था। उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने पर ज़ोर दिया।
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