दिवाली के बाद दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में, महानगरों में सबसे ज्यादा खराब; पड़ोसी शहरों का AQI भी 'बेहद खराब'



मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 351 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।
अन्य प्रमुख महानगरों की तुलना में दिल्ली का प्रदूषण स्तर कई गुना अधिक रहा:
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मुंबई का एक्यूआई 211 रहा, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया।
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कोलकाता (174), चेन्नई (142), और हैदराबाद (116) में वायु गुणवत्ता का स्तर 'मध्यम' रहा।
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बेंगलुरु एकमात्र प्रमुख शहर रहा, जहाँ एक्यूआई 100 से नीचे दर्ज किया गया और वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही।
प्रदूषण के कारण:
अधिकारियों ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता में अचानक आई इस तीव्र गिरावट के लिए मुख्य रूप से पटाखों के अनियंत्रित रूप से जलने, हवा की स्थिर स्थिति और तापमान में कमी को जिम्मेदार ठहराया है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य एवं पूर्वी दिल्ली सहित अधिकांश निगरानी केंद्रों में रात के दौरान पीएम 2.5 के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई।
एनसीआर में व्यापक उल्लंघन:
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और एनसीआर में दीपावली की पूर्व संध्या और दीपावली की रात को निर्धारित समय में केवल हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के नियमों का व्यापक उल्लंघन देखा गया। निर्धारित दिनों और समय के बाद भी पटाखे फोड़ना जारी रहा, जिसने धुंध को और बढ़ा दिया।
पड़ोसी शहरों की स्थिति:
दिल्ली के पड़ोसी शहरों की हवा भी बेहद ज़हरीली रही। गाजियाबाद (324), नोएडा (320), मानेसर (320) और हापुड़ (314) में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर जींद 421 एक्यूआई के साथ शीर्ष पर रहा, जिसके बाद धारूहेड़ा (412), नारनौल (390) और रोहतक (376) भी गंभीर श्रेणी में रहे।
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