उज्जैन राशन घोटाला: 132 ई-राशन कार्ड रद्द, करोड़ों की आय वाले उपभोक्ता निशाने पर

Madhya Pradesh News: उज्जैन जिले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 132 उपभोक्ताओं के ई-राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। ये वही उपभोक्ता हैं जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक पाई गई थी, फिर भी उन्होंने मुफ्त राशन प्राप्त किया। विभाग का कहना है कि इस कार्रवाई से गरीबों का हक सुरक्षित किया जा सकेगा। इस बीच, आपत्तियों का परीक्षण अभी भी जारी है और निरस्त होने वाले राशन कार्डों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
आय का आंकलन और नोटिस की प्रक्रिया
मुफ्त राशन की वास्तविकता
उज्जैन जिले में लगभग 2 लाख 83 हजार परिवार 787 सरकारी कंट्रोल दुकानों से हर माह मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं। इसमें प्राथमिक परिवार श्रेणी के हर सदस्य को चार किलो गेहूं और एक किलो चावल मिलता है। वहीं, अंत्योदय परिवार के मुखिया को 30 किलो गेहूं, पांच किलो चावल, एक किलो शक्कर और एक किलो नमक दिया जाता है। शक्कर के लिए मात्र 20 रुपये प्रति किलो शुल्क लिया जाता है, बाकी सभी अनाज निशुल्क उपलब्ध हैं।
उपभोक्ताओं की चुनौती और दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया
उपभोक्ताओं को अपनी पात्रता साबित करने के लिए शपथ पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने पड़ रहे हैं। कई लोग स्टांप खरीद कर टाइपराइटर से आपत्ति लिखवाने का खर्च उठा रहे हैं। जबकि वर्तमान में आधार कार्ड से पैन कार्ड और मोबाइल नंबर जुड़े होने के कारण यह प्रक्रिया पहले की तुलना में जटिल प्रतीत होती है।
विभाग की सख्ती जारी, भविष्य में और बढ़ सकता है कार्रवाई
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की यह कार्रवाई उज्जैन जिले में गरीबों का हक सुरक्षित करने के उद्देश्य से की गई है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियों का परीक्षण चल रहा है और भविष्य में और उपभोक्ताओं के ई-राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं।