43 एकड़ जमीन, 300 करोड़ का सौदा और परिवार पर उठते सवाल: शरद पवार ने जांच की मांग की, विपक्ष ने तेज किए हमले
Sharad pawar pune land deal: पुणे में जमीन सौदे को लेकर पिछले दो दिनों से मचे राजनीतिक हंगामे के बीच एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) प्रमुख शरद पवार ने आखिरकार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। पवार ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीर माना है, इसलिए सरकार को तुरंत कार्रवाई करते हुए तथ्यों को उजागर करना चाहिए।
43 एकड़ जमीन, 1800 करोड़ की कीमत और 300 करोड़ में सौदा
अजित पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम आने से तेज हुआ विवाद
यह मुद्दा तब राजनीतिक रूप से गर्म हुआ जब आरोप लगे कि इस विवादित जमीन को खरीदने वाली कंपनी से अजित पवार के बेटे पार्थ पवार का संबंध है। हालांकि पार्थ का नाम किसी भी केस में शामिल नहीं है, लेकिन विपक्ष लगातार आरोप उठा रहा है कि उनका नाम क्यों छोड़ा गया। इसी सवाल ने विवाद को नई दिशा दी और विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिला।
शरद पवार ने परिवार की एकता पर दिया बयान
शरद पवार ने आरोपों पर बोलते हुए कहा कि परिवार के सदस्यों में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इससे पारिवारिक संबंध प्रभावित नहीं होते। उन्होंने याद दिलाया कि उनके पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और अजित पवार की पत्नी ने सुप्रिया सुले के खिलाफ, फिर भी परिवार में एकता बनी रही। पवार के इस बयान का लक्ष्य था कि विवाद का राजनीतिक उपयोग ज्यादा न किया जाए।
विपक्ष ने सरकार और एनसीपी नेताओं पर बढ़ाया दबाव
विवाद पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के अंबादास दानवे, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और हर्षवर्धन सापकाल समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस जांच से पार्थ पवार का नाम बाहर रखना मामले पर संदेह पैदा करता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे “जमीन चोरी” और “वोट चोरी” से जोड़ते हुए सरकार पर हमला बोला है।
रोहित पवार की चुप्पी पर भी राजनीति गर्म, मंत्री का तंज
शरद पवार के दूसरे पोते रोहित पवार आमतौर पर सरकार पर तीखे हमले करते रहे हैं, लेकिन इस विवाद पर उनकी चुप्पी भी विपक्ष और सरकार के नेताओं के निशाने पर है। मंत्री शिरसाट ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए पूछा- “हमारा प्यारा तोता चुप क्यों है?” जिससे राजनीति में नया बवाल खड़ा हो गया।
अजित पवार ने दी सफाई
इस बीच अजित पवार ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और सफाई दी कि पार्थ और उनके बिजनेस पार्टनर दिग्विजय पाटिल को यह जानकारी नहीं थी कि जमीन सरकारी श्रेणी की है और इसे बेचा नहीं जा सकता। अजित पवार ने कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके कार्यालय ने किसी को इस सौदे में मदद की। उनका दावा है कि लेन-देन अधूरा है क्योंकि न तो पूरा भुगतान हुआ और न ही जमीन का कब्जा लिया गया।
