मुजफ्फरनगर में फीस विवाद में आत्मदाह करने वाले छात्र की दिल्ली में मौत,प्रिंसिपल-मैनेजर समेत 6 पर FIR
मौत के बाद बुढ़ाना में आक्रोश, मंत्री-पूर्व मंत्री धरने पर, 3 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
मुजफ्फरनगर/बुढ़ाना। बुढ़ाना के डीएवी डिग्री कॉलेज में फीस बकाया को लेकर कथित प्रताड़ना के शिकार बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल राणा (20) की रविवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दुखद मृत्यु हो गई। दो दिनों तक वेंटिलेटर पर संघर्ष करने वाले उज्ज्वल की मौत की खबर से पूरे बुढ़ाना और उनके पैतृक गांव बागपत के भड़ल में कोहराम मच गया।
वायरल वीडियो और बहन की तहरीर में गंभीर आरोप
आत्मदाह का प्रयास करने से पहले और बाद में उज्ज्वल राणा के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए थे। इन बयानों और मृतक की बहन सलोनी राणा की तहरीर के आधार पर जो तथ्य सामने आए हैं, वे कॉलेज प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हैं:
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प्रताड़ना: आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण फीस बकाया थी। इसी बात पर प्रबंधक अरविंद गर्ग और प्राचार्य प्रदीप कुमार ने उज्ज्वल को दफ्तर में बुलाकर अपमानित किया।
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मारपीट: आरोप है कि प्राचार्य के इशारे पर पीटीआई संजीव कुमार ने उज्ज्वल को बाल पकड़कर लात-घूंसों से बेरहमी से पीटा।
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पुलिस की भूमिका: बुलाए जाने पर मौके पर पहुँचे एएसआई नंदकिशोर और सिपाही ज्ञानवीर व विनीत ने भी उज्ज्वल के साथ मारपीट की।
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आत्महत्या के लिए उकसाना: हताश होकर उज्ज्वल ने आत्महत्या करने की बात कही, तो पीटीआई संजीव कुमार ने कहा: "कल की बजाय आज ही कर ले।" इसके बाद उज्ज्वल ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली।
आक्रोशित ग्रामीणों और नेताओं का महाधरना
उज्ज्वल की मौत के बाद बुढ़ाना में जनआक्रोश भड़क उठा। परिजन और ग्रामीण शव उठाने से इनकार करते हुए कॉलेज परिसर और कोतवाली पर धरने पर बैठ गए। आंदोलन का नेतृत्व जाट महासभा मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान और रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने किया। ओमकार अहलावत, जयवीर सिंह,राकेश बालियान ,रमेश सिसौली, बिट्टू सिखेड़ा, श्रधापाल सिंह, उत्तम राठी, अनिल चौधरी, अमित, देवेंद्र सिंह, सतेंद्र राठी,तेजपाल सिंह आदि भी इस मौके पर मौजूद रहे।
धरने की प्रमुख माँगे:
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कॉलेज प्रिंसिपल प्रदीप कुमार, मैनेजर अरविंद गर्ग और पीटीआई संजीव कुमार की तत्काल गिरफ्तारी।
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पीड़ित परिवार को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता।
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पुलिस रिपोर्ट में सभी 6 आरोपितों के नाम बढ़ाना और कड़ी कार्रवाई।
इस आंदोलन को मंत्री अनिल कुमार, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, मंडल अध्यक्ष प्रभात तोमर के अलावा धर्मवीर बालियान (जनपद जाट महासभा जिलाध्यक्ष), ओमकार अहलावत, जयवीर सिंह और अन्य स्थानीय नेता भी मृतक परिवार के समर्थन में धरने पर मौजूद रहे।
छात्र उज्ज्वल राणा के आत्मदाह प्रयास के मामले में कार्रवाई को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) भी आंदोलन में कूद पड़ी। संगठन के नेता अनुज बालियान व संजीव पंवार के नेतृत्व में दर्जनों किसान और ग्रामीण कोतवाली परिसर में धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि आरोपियो की तत्काल गिरफ्तारी और कॉलेज प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अनुज बालियान ने कहा कि गांव का बच्चा फीस के बोझ तले जल गया, लेकिन दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल गरीब किसान परिवार से है। फीस नहीं दे पाने पर उसे इतना सताया गया कि उसने आग लगा ली। भाकियू ने चेतावनी दी कि यदि आरोपियो की गिरफ्तारी नहीं हुई तो जिला मुख्यालय तक मार्च निकाला जाएगा।
प्रशासनिक कार्रवाई और समझौता
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने त्वरित कार्रवाई की।
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FIR तरमीम (संशोधन): सलोनी राणा की तहरीर पर सभी छह आरोपितों—प्रिंसिपल, मैनेजर, पीटीआई और तीनों पुलिसकर्मियों—के नाम मुकदमे में तरमीम कर दिए गए।
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पुलिसकर्मी लाइन हाजिर: प्रथम दृष्टया लापरवाही के आरोप में सब-इंस्पेक्टर नंदकिशोर, सिपाही विनीत और सिपाही ज्ञानवीर को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया गया।
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आश्वासन: सीओ गजेंद्रपाल सिंह ने प्रदर्शनकारियों से लंबी वार्ता के बाद तीन दिन में कठोरतम कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
हालांकि, कॉलेज प्रबंधक अरविंद गर्ग द्वारा एक लाख रुपये की तत्काल सहायता की पेशकश को ग्रामीणों ने 'अपराध को दबाने की कोशिश' बताकर सिरे से खारिज कर दिया। पुलिस के आश्वासन और रिपोर्ट में नाम बढ़ाए जाने पर सहमति के बाद देर रात धरना समाप्त हुआ और पुलिस टीम परिजनों के साथ शव लेने दिल्ली रवाना हुई।
