मुज़फ्फरनगर में मेरठ-करनाल रोड पर भीषण हादसा, डंपर में घुसी तेज़ रफ़्तार कार, दो नेपाली नागरिकों की मौत
मुजफ्फरनगर: मेरठ-करनाल हाईवे पर बुधवार सुबह करीब 5:30 बजे फुगाना थाने के ठीक सामने एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। मेरठ से हरियाणा के करनाल जा रही एक तेज रफ्तार अर्टिगा कार (PB 01C 7577), सड़क पर धीमी गति से चल रहे एक डंपर में पीछे से जा घुसी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक दुर्घटना में एक मासूम बालक सहित दो नेपाली नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिलाओं और बच्चों समेत नौ अन्य नेपाली यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
नींद की झपकी बनी हादसे का कारण
सीओ फुगाना, रूपाली राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे का मुख्य कारण कार चालक को नींद की झपकी आना रहा। सुबह के समय अधिक रफ्तार होने के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाया और आगे चल रहे डंपर से टकरा गया। कार में सवार सभी 11 लोग (10 व्यक्ति और एक बच्चा) नेपाल के डांग जिले के रहने वाले थे और काम के सिलसिले में करनाल जा रहे थे।
हताहत और बचाव कार्य
हादसे के बाद हाईवे पर चीख-पुकार मच गई। टक्कर की जोरदार आवाज़ सुनकर स्थानीय ग्रामीण और फुगाना थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचे। पुलिस और ग्रामीणों की मदद से कार में बुरी तरह से फंसे घायलों को बाहर निकाला गया। इस दुर्घटना में कार चालक और 3 वर्षीय मासूम अनमोल पुत्र विनोद समेत गोपाल पुत्र रामलाल की मौत हुई है। घायलों में पुष्पा, विजय चंदना, नेत्रा, संतराम, परवीन, प्रवेश और अन्य शामिल हैं।
सभी घायलों को तुरंत बुढ़ाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) भेजा गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर रेफर कर दिया गया। मृतकों के परिजनों में इस खबर के बाद कोहराम मच गया।
पुलिस कार्रवाई और जनता की मांग
फुगाना थाना प्रभारी ने बताया कि शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, ताकि हादसे के सभी पहलुओं को समझा जा सके। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से हाईवे पर भारी वाहनों की निगरानी बढ़ाने और दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। वहीं, जिला प्रशासन ने घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। यह हादसा एक बार फिर लंबी दूरी की यात्राओं में ड्राइवरों की थकान प्रबंधन की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
