सफलता के शिखरों तक पहुंचने के लिए दो शक्तियां अत्यंत आवश्यक हैं। पहली है संकल्प शक्ति। यदि संकल्प कमजोर हो, तो व्यक्ति जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं कर सकता। केवल सुविधा के अनुसार चलना हर किसी के लिए संभव है, लेकिन विपरीत धारा में तैरना ही सच्ची वीरता है। कठिनाइयों में अपने आपको संभाले रखना और नियमों का पालन करना ही असली बहादुरी है। व्यक्ति की असली ताकत दुर्दिनों में ही परखी जाती है।
दूसरी महत्वपूर्ण शक्ति है विवेक। प्रबल विवेक शक्ति होने पर आंखें धोखा नहीं खातीं और बुद्धि सही निर्णय लेने में सक्षम होती है। विवेक के माध्यम से अयोग्यता को भी योग्यता में बदला जा सकता है। हालांकि भावनाओं का महत्व है, लेकिन भावुकता में आकर निर्णय लेना अक्सर धोखे का कारण बनता है। इसलिए विवेक को अपना सबसे बड़ा मित्र, मार्गदर्शक और हितैषी मानना चाहिए।
संकल्प और विवेक – यही दो आधार हैं जो व्यक्ति को कठिनाइयों में स्थिर रखते हैं और सफलता की ओर अग्रसर करते हैं।