मुज़फ्फरनगर में सिंचाई विभाग के जेई को कीचड़ में घुमाना पड़ा भारी, किसान नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुजफ्फरनगर: खतौली क्षेत्र में एक अप्रत्याशित घटना ने सरकारी अधिकारियों और किसान संगठनों के बीच तनाव पैदा कर दिया है। सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) के साथ किसान नेता द्वारा अभद्र व्यवहार और मारपीट का मामला सामने आया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की पुष्टि होने के बाद आरोपी किसान नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रजवाहे की सिल्ट न उठने पर भड़का विवाद
यह पूरा विवाद खतौली क्षेत्र के भूड़ इलाके में बुधवार को रजवाहे की सफाई के दौरान शुरू हुआ। सिंचाई विभाग की टीम रजवाहे की सफाई कर रही थी, लेकिन गाद (सिल्ट) निकालकर सड़क किनारे डाल दी गई थी, जिसे समय पर नहीं उठवाया गया। ग्रामीणों को इस वजह से भारी परेशानी हो रही थी। जब सफाई के लिए टीम दोबारा मौके पर पहुंची, तो किसान नेता अंकुश प्रधान मौके पर आ धमके और विभाग के कर्मचारियों से उनकी कहासुनी हो गई।
वायरल वीडियो में जेई को कीचड़ में घसीटा
विवाद का यह क्षण जल्द ही अभद्रता में बदल गया और इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किसान नेता अंकुश प्रधान, सिंचाई विभाग के सींचपाल जेई अरविंद कुमार मीणा के साथ न केवल अभद्रता कर रहे हैं, बल्कि उन्हें कीचड़ में घसीटते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। इस घटना ने विभागीय कर्मचारियों में भारी रोष पैदा कर दिया है।
सिंचाई विभाग हुआ लामबंद, कार्रवाई की मांग
घटना की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग संघ के अध्यक्ष विनय कुमार, जिलेदार सुरेंद्र सहित दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर खतौली थाने पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी को एक ज्ञापन सौंपकर आरोपी किसान नेता अंकुश प्रधान के खिलाफ
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सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे अधिकारी की गरिमा पर सीधा हमला बताया और चेतावनी दी कि अगर जल्द उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो विभाग विरोध प्रदर्शन और आंदोलन पर उतरने को मजबूर होगा।
पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, जांच शुरू
थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र बघेल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित जेई अरविंद कुमार मीणा द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर किसान नेता अंकुश प्रधान के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने वायरल वीडियो की तकनीकी जांच भी शुरू कर दी है। फिलहाल, इस घटना के बाद खतौली क्षेत्र में किसान संगठनों और सरकारी कर्मचारियों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है।
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