मेरठ में 'Dead' फर्म से 4.11 करोड़ की GST चोरी का खुलासा, फर्जी पते पर करोड़ों के हाई वैल्यू बिल लगाए
जांच में मौके पर सिर्फ ताला और बोर्ड मिला
मेरठ। मेरठ में एक 'डेड' हो चुकी फर्म के माध्यम से करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने का बड़ा मामला सामने आया है। राज्य कर विभाग के अधिकारी प्रदीप कुमार की ओर से इस मामले में ट्रांसपोर्ट नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
पूरा फर्जीवाड़ा सरफेस ट्रेडर्स नामक फर्म से जुड़ा है, जो 16 जून, 2020 को जीएसटी विभाग में रजिस्टर्ड हुई थी।
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पंजीकरण: फर्म के संचालक के रूप में संतोष कुमार पुत्र अटरपाल ने कृष्ण विहार, ऋषि नगर, बागपत रोड (मेरठ) का पता दिखाया था, जबकि प्रोपराइटर ने पोर्टल पर अपना स्थाई पता विनोद नगर, ईस्ट दिल्ली का दिखाया।
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फर्जीवाड़ा: पंजीकरण अप्रूव होते ही, फर्म ने जुलाई 2020 में चार हाई वैल्यू ई-वे बिल (कुल ₹409.36 लाख) प्राप्त किए। इसी महीने के लिए दाखिल किए गए GST-3B रिटर्न में फर्म ने कुल ₹411.39 लाख की बिक्री 'जीरो रेटेड' हेड में घोषित की, जिसका मुख्य उद्देश्य बड़ा ITC रिफंड प्राप्त करना था।
जांच में खुली पोल
इतनी बड़ी धनराशि का इनवर्ड और आउटवर्ड सप्लाई घोषित किए जाने पर तत्कालीन राज्य कर उपयुक्त रेंज ए ने 23 सितंबर, 2020 को फर्म के पते पर निरीक्षण का आदेश दिया।
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निरीक्षण का सच: जीएसटी टीम जब बागपत रोड स्थित दिखाए गए पते पर पहुँची, तो वहाँ एक दुकान पर फर्म का केवल बोर्ड लगा था। मौके पर दुकान बंद थी और ताला लगा था। दुकान मालिक महेंद्र सिंह ने बताया कि दुकान तरुण ने किसी नितिन नाम के व्यक्ति को दी थी, जो 4-5 दिन पहले ही एक बार आया था।
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कोई कारोबार नहीं: टीम को मौके पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह पता चले कि फर्म द्वारा कोई वास्तविक कारोबार किया जा रहा था।
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निष्कर्ष: जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि व्यापारी ने कूट रचित कागजात के माध्यम से केवल ITC रिफंड लेने के लिए यह फर्जी पंजीकरण कराया था।
पंजीकरण निरस्त
जांच रिपोर्ट आने के बाद 29 सितंबर, 2020 को तत्कालीन सहायक आयुक्त राज्य कर खंड 2 अजीत कुमार सिंह ने सरफेस ट्रेडर्स का पंजीकरण तत्काल निरस्त कर दिया। अब इस करोड़ों की जीएसटी चोरी के खेल में शामिल फर्जी प्रोपराइटर और अन्य दोषियों की तलाश में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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