अलवर में ISI का जासूस गिरफ्तार: हनीट्रैप में फंसकर दो साल से लीक कर रहा था भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी

Rajasthan News: राजस्थान इंटेलिजेंस ने अलवर जिले के गोविंदगढ़ से मंगत सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था। उसे शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद से उसकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी।
सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में सक्रिय था आरोपी

हनीट्रैप में फंसा ‘मंगत सिंह’
जांच में खुलासा हुआ कि मंगत सिंह को ‘ईशा शर्मा’ नाम की एक पाकिस्तानी महिला ने हनीट्रैप में फंसाया था। वह खुद को भारतीय नागरिक बताकर सोशल मीडिया पर मंगत सिंह के करीब आई और उसे सहयोग के बदले धन देने का लालच दिया। धीरे-धीरे उसने उससे संवेदनशील जानकारी मांगी, जिसमें सैन्य ठिकानों और छावनी क्षेत्रों से जुड़ी जानकारियाँ शामिल थीं।
दो साल से चला आ रहा था जासूसी नेटवर्क
मंगत सिंह पिछले दो वर्षों से ISI के हैंडलरों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पहले और बाद भी वह लगातार उसी पाकिस्तानी महिला से जुड़ा रहा। वह अलवर के संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों के फोटो, वीडियो और नक्शे साझा किया करता था, जिन्हें ISI के नेटवर्क तक पहुँचाया जाता था।
सोशल मीडिया से साझा करता था गोपनीय सूचना
इंटेलिजेंस जांच के अनुसार मंगत सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए कई बार भारत के सैन्य ठिकानों और गोपनीय दस्तावेजों से जुड़ी जानकारी बाहर भेजी। इन जानकारियों में अलवर छावनी क्षेत्र और अन्य सामरिक स्थलों की तस्वीरें और विवरण शामिल थे। जांच एजेंसियों ने उसके मोबाइल फोन और चैट हिस्ट्री को कब्जे में लेकर गहराई से जांच शुरू कर दी है।
10 अक्टूबर को दर्ज हुआ मामला
जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र में कई एजेंसियों द्वारा मंगत सिंह से पूछताछ की गई। मोबाइल फोन डाटा की जांच के बाद 10 अक्टूबर 2025 को जयपुर के विशेष पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद सीआईडी इंटेलिजेंस, राजस्थान ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
देश विरोधी गतिविधियों पर सख्त रुख
राजस्थान पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त किसी को नहीं बख्शा जाएगा। अधिकारी का कहना है कि यह गिरफ्तारी राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। जांच पूरी होने के बाद मंगत सिंह के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी संभव है।