उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से तबाही! 7 लापता, दो को बचाया गया,6 इमारतें मलबे में दबी, राहत कार्य जारी

चमोली। उत्तराखंड के चमोली में मूसलाधार बारिश के कारण बादल फटने से कम से कम सात लोग लापता है । बुधवार देर रात अचानक हुई बारिश के कारण नंदा नगर में भारी मलबा आ गया, जिससे छह इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमों को तैनात किया गया है।
साथ ही, मलबा हटाने और राहत कार्यों में मदद के लिए जेसीबी मशीनें और अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं। मलबे से दो लोगों को जीवित बाहर निकाला गया, जबकि अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद खोज एवं बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि तीन एम्बुलेंस के साथ एक मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में चमोली में और भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद कई निवासी अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए जमीनी स्तर पर टीमें तैनात कर दी हैं, हालांकि आगे भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। यह घटना देहरादून के सहस्त्रधारा में चार दिन पहले हुए भयानक बादल फटने के बाद हुई, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी। उस आपदा में सड़कें बह गईं, दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए, और दो बड़े पुल नष्ट हो गए थे। इस दौरान, देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर को भी भारी नुकसान हुआ।
सहस्त्रधारा में बादल फटने और भारी बारिश से तमसा नदी में उफान आ गया, जिसके कारण मंदिर परिसर में पानी भर गया। मंदिर परिसर में कई फीट तक रेत और मलबा घुस गया, जिससे शिवलिंग डूब गया और दीवारों में गहरी दरारें पड़ गईं। स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, पौड़ीगढ़ और चमोली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। निवासियों को 20 सितंबर तक अत्यधिक भारी वर्षा, भूस्खलन, बुनियादी ढांचे के ढहने और बढ़ती मौतों की संभावना के बारे में आगाह किया है।
चमोली के ज़िलाधिकारी संदीप तिवारी ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की तलाश में अभियान शुरू किया गया है।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। नंदानगर के वार्ड कुन्तरी लगा फाली में छह घर मलबे में दब गए। इस आपदा में सात लोग लापता हैं, जबकि दो को बचा लिया गया है। तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात जाते-जाते तबाही मचा गई। नंदानगर के फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से क्षेत्र में तबाही हुई है।