सिरौलीकलां में अवैध खनन मामले में कोर्ट ने डीएमओ से कहा दस्तावेज पेश करने को
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर जिले के सिरौलीकलां समेत कई गांवों में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन के मामले में जिला खनन अधिकारी (डीएमओ) को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज को अगली सुनवाई में अदालत में पेश करने को कहा गया है। सिरौलीकलां निवासी मोहम्मद इमरान रजा और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
डीएमओ अदालत में पेश हुए और कहा कि इस क्षेत्र में खनन के लिए विधिवत अनुमति दी गई है। जिस क्षेत्र में खनन कार्य चल रहा है वह पुराना बाढ़ का मैदान (ओल्ड फ्लड प्लेन) है। आगे कहा कि नियमानुसार खनन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर मुआयना किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि सड़क निर्माण कंपनी को खनन की अनुमति दी गई है। यह समयबद्ध परियोजना है। दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि यह ओल्ड फ्लड प्लेन नहीं है, बल्कि नदी तट है।
इसके बाद अदालत ने डीएमओ को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अदालत में पेश करने के निर्देश दे दिए। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि सिरौलीकलां समेत उसके आसपास के पांच गांवों में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। जिसकी वजह से उनकी भूमि का कटान के साथ साथ पर्यावरण को नुक़सान हो रहा है। यह भी कहा गया कि अवैध खनन के कारण मौके पर 15 से 30 फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं। पिछले साल इन गड्ढों में डूबने से दो मासूमों की जान चली गई थी। विरोध करने पर ग्रामीणों को डराया धमकाया जाता है।
