जब तनाव बन जाए बीमारियों की वजह, आयुर्वेद में बताए गए हैं प्रभावी निदान
नई दिल्ली। किसी भी तरह की परेशानी मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर प्रभावित करती है। शारीरिक परेशानी का निदान स्थिति की जांच कर संभव है, लेकिन मानसिक समस्याओं को जांच पाना अक्सर मुश्किल होता है। "तनाव" एक छोटा सा शब्द है, लेकिन ये मन और तन दोनों को प्रभावित करता है।
दूसरा उपाय है कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन। ब्राह्मी, अश्वगंधा और शंखपुष्पी की सेवन। ब्राह्मी और शंखपुष्पी का सेवन मस्तिष्क को शांत करने में मदद करेगा। इससे याददाश्त भी मजबूत होगी, जबकि अश्वगंधा तनाव के लिए बनने वाले हार्मोन को कम करेगा। तुलसी और गिलोय की चाय भी तनाव को कम करने में मदद करती है। तुलसी मन को शांत करती है और गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इन दोनों का सेवन मन और तन दोनों के लिए लाभकारी है। तनाव को कम करने में सात्विक आहार भी मदद करता है। ज्यादा तेल मसाले के भोजन से हटकर साधी खिचड़ी और उबली सब्जियों का सेवन मन और तन दोनों के लिए लाभकारी होता है। आहार में एक समय मौसमी फल भी शामिल करें और खूब सारा पानी पीएं। इसके अलावा, अपनी पसंद की जगह पर घूमने जाएं। अपना पसंदीदा काम करें। इससे मन का तनाव कम होगा।
