‘या तो भुगतान मिलेगा या यहीं से लाश जाएगी’ — मुजफ्फरनगर में NKG कंपनी के खिलाफ ठेकेदारों का अनिश्चितकालीन धरना
मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल के तहत काम करने वाले दर्जनों ठेकेदार आज खुद को ठगा हुआ और बेबस बता रहे हैं। ठेकेदारों का आरोप है कि निजी ठेकेदार कंपनी एनकेजी (NKG) ने पूरा काम कराने के बावजूद उनका भुगतान नहीं किया। आरोप है कि कंपनी पर करीब 30–32 ठेकेदारों का लगभग 10 करोड़ रुपये बकाया है।
ठेकेदारों का आरोप है कि एनकेजी कंपनी के मालिक प्रदीप गर्ग ने जल निगम से भुगतान लेने के बावजूद उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पाइपलाइन बिछाने, सड़क खोदने-बनाने, बाउंड्री वॉल, पंप हाउस जैसे तमाम कार्य उन्होंने योजना के तहत पूरे किए, लेकिन मेहनत की कमाई से उन्हें वंचित रखा गया।
धरने पर बैठे ठेकेदारों ने बताया कि भुगतान न मिलने के कारण वे अपने गांव तक नहीं जा पा रहे हैं। गांव में मजदूर उन्हें घेर लेते हैं और पैसे की मांग करते हैं। कई ठेकेदार आर्थिक संकट में फंस गए हैं। गौतम ने बताया कि उन्होंने अपने मकान पर करीब साढ़े बाईस लाख रुपये का लोन लिया था, जिसकी किश्तें पिछले पांच महीनों से नहीं भर पा रहे हैं और मकान नीलामी की कगार पर है।
ठेकेदारों का कहना है कि वे सर्दी, भूख या किसी दबाव से डरने वाले नहीं हैं। उनका आरोप है कि कंपनी मालिक ने जानबूझकर उन्हें भुगतान न देने की कसम खा रखी है। करीब 32 ठेकेदार इस आंदोलन में शामिल हैं और लगातार सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
धरने पर बैठे ठेकेदारों ने कहा कि उन्होंने काम सरकारी योजना का किया है, भले ही वह एनकेजी कंपनी के माध्यम से हुआ हो। इसलिए सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनका हक दिलाया जाए। सभी ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री पर भरोसा जताते हुए उम्मीद जताई कि उन्हें जल्द न्याय मिलेगा।
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