भारत और इजराइल ने किया ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर, व्यापार संबंधों में होगा विस्तार

नई दिल्ली। भारत और इजराइल ने सोमवार को एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य पारस्परिक निवेश को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों का विस्तार करना है।
इस समझौते पर इजरायल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने कहा, "यह एक रणनीतिक कदम है जो इजराइली और भारतीय निवेशकों, दोनों के लिए नए द्वार खोलेगा, इजराइली निर्यात को मजबूत करेगा और दोनों पक्षों के व्यवसायों को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में विकास के लिए निश्चितता और साधन प्रदान करेगा।" उन्होंने आगे कहा, "भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और इसके साथ सहयोग इजराइल के लिए एक बड़ा अवसर है।" इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मोट्रिच इजरायल के सरकारी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रविवार रात भारत के लिए रवाना हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमूएल अब्रामजोन, महालेखाकार याली रोथेनबर्ग और महानिदेशक इलान रोम शामिल हैं। अन्य प्रमुख अधिकारियों में इजराइल सिक्योरिटीज अथॉरिटी के अध्यक्ष सेफी सिंगर भी शामिल हैं।
सरकारी डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत-इजरायल के बीच (डिफेंस को छोड़कर) 3.75 अरब डॉलर था। भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यातों में मोती और कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, रासायनिक और खनिज उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, कपड़ा और परिधान उत्पाद, धातु, परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं। वहीं, इजराइल से भारत को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में मोती और कीमती पत्थर, रासायनिक और खनिज/उर्वरक उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, पेट्रोलियम तेल, रक्षा, मशीनरी और परिवहन उपकरण शामिल हैं।