हरियाणा में बाढ़ का खौफ, हुड्डा ने कहा सरकार ने समय रहते नहीं की तैयारी, किसानों को तुरंत दी जाए राहत

Haryana Flood: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित किसानों को तुरंत आर्थिक राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को पोर्टल के झंझट को खत्म करके स्पेशल गिरदावरी करवानी चाहिए और प्रत्येक बाढ़ प्रभावित किसान को 60 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देना चाहिए।
पोर्टल-पोर्टल खेल रही बीजेपी
बाढ़ प्रभावित गांवों का खुद दौरा किया
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने महम और कलानौर खंड के बाढ़ प्रभावित गांवों का खुद ट्रैक्टर चलाकर दौरा किया। उन्होंने बहलबा, भैणी भैरो, भैणी मातो, भैणी महाराजपुर, भैणी सुरजन, सैमाण, बेडवा, फरमाणा, आंवल, गढ़ी, निगाना, कटेसरा और गुढ़ान के खेतों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और आने वाली फसल की उम्मीद भी खतरे में है।
किसानों और मकानों को तुरंत मुआवजा दिया जाए
हुड्डा ने मांग की कि किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही लोगों के मकानों, दुकानों और अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज का एलान करना चाहिए।
1995 की बाढ़ और वर्तमान स्थिति में अंतर
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि 1995 में आई बाढ़ के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसलों के साथ-साथ खेत के कोठड़े, ट्यूबवैल, मकानों और दुकानों सहित हर नुकसान का मुआवजा दिया था। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार पर पोर्टल के माध्यम से मुआवजे में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पोर्टल को मुआवजा देने की जिम्मेदारी से भागने और देरी करने का जरिया बना लिया है।
बीजेपी ने समय रहते नहरों और तटबंधों की नहीं की सफाई
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने नहरों की सफाई, शहरों में सीवरेज व्यवस्था और तटबंधों को मजबूत करने का काम समय रहते नहीं किया। न ही जल निकासी के उचित उपाय किए गए। इसी वजह से बारिश शुरू होते ही गली, सड़क, गांव, शहर और खेत तालाब में बदल गए। हुड्डा ने कहा कि यह बाढ़ सिर्फ प्रकृति की मार नहीं है, बल्कि भाजपा सरकार की नाकामी का भी परिणाम है।