शामली में मन कक्ष में डॉक्टर न बैठने से मानसिक स्वास्थ्य मरीजों को परेशानी, विशेषज्ञ तैनाती की मांग
शामली। जिला अस्पताल के मन कक्ष में डॉक्टर न बैठने से मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग एक वर्ष पूर्व मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. उर्वशी के त्यागपत्र देने के बाद से मन कक्ष में नियमित उपचार की व्यवस्था बाधित चल रही है।
जिला संयुक्त चिकित्सालय में मन कक्ष स्थापित किया गया था, जहां मानसिक स्वास्थ्य से जूझने वाले लोगों के लिए एक मनोरोग विशेषज्ञ, स्टाफ नर्स, सोशल वर्कर व काउंसलर की नियुक्ति की गई थी। जहां प्रतिदिन 30 से 40 मरीज पहुंच रहे थे, लेकिन करीब एक वर्ष पूर्व मनोरोग विशेषज्ञ डा. उर्वशी त्याग पत्र देकर चली गई। वर्तमान में मन कक्ष केवल काउंसलर प्रेरणा पुंडीर के सहारे संचालित हो रहा है, जबकि यहां तैनात सोशल वर्कर को हटाकर सीएमओ कार्यालय भेज दिया गया है।
ऐसे में मानसिक रोगियों को परामर्श से लेकर दवा तक की सुविधा में लगातार कमी बनी हुई है। मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए डीएम अरविन्द कुमार चौहान ने निर्देश दिए थे कि सीएचसी कांधला अधीक्षक डॉ. वीरेन्द्र सिंह प्रत्येक शुक्रवार को मन कक्ष में बैठकर मरीजों को उपचार प्रदान करें। लेकिन पिछले दो सप्ताह से डॉ. वीरेन्द्र भी मन कक्ष नहीं पहुंच रहे, जिसके कारण मरीजों को इलाज और जरूरी दवाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।मरीज के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के कारण उचित इलाज नहीं मिल पा रहा। मरीजों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मन कक्ष में जल्द से जल्द नियमित मनोरोग विशेषज्ञ तैनात किए जाएं ताकि लोगों को राहत मिल सके।
