कनाडा में भारतीय स्क्वैश का उदय! 17 वर्षीय अनाहत सिंह ने गत चैंपियन और विश्व नंबर 7 टिन्नी गिलिस को धूल चटाई
Canadian Open: भारत की 17 वर्षीय उभरती हुई स्क्वैश सनसनी अनाहत सिंह ने कनाडा महिला ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट में अपना शानदार और अदम्य प्रदर्शन जारी रखा है। इस युवा खिलाड़ी ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए बेल्जियम की गत चैंपियन और टूर्नामेंट की दूसरी वरीयता प्राप्त टिन्नी गिलिस को शिकस्त दी है।
गैर वरीयता प्राप्त अनाहत ने 36 मिनट में विश्व नंबर 7 को किया पस्त
विश्व रैंकिंग में 43वें स्थान पर काबिज भारतीय खिलाड़ी अनाहत सिंह ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में दुनिया की सातवें नंबर की अपनी प्रतिद्वंद्वी टिन्नी गिलिस को सीधे गेमों में 3-0 से हराया। यह मुकाबला केवल 36 मिनट तक चला, जिसमें अनाहत ने अपने अनुभव और वरीयता में कहीं आगे की खिलाड़ी को एकतरफा अंदाज में मात दी।
अनाहत ने यह मैच 12-10, 11-9, 11-9 के स्कोर से जीता, जो यह दर्शाता है कि हर गेम में कड़ा संघर्ष हुआ लेकिन महत्वपूर्ण मौकों पर भारतीय खिलाड़ी ने संयम बनाए रखा और जीत सुनिश्चित की। पीएसए टूर सिल्वर लेवल की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अनाहत जिस फॉर्म में हैं, वह निश्चित तौर पर भारतीय स्क्वैश के भविष्य के लिए एक उज्जवल संकेत है।
करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि और लगातार धमाकेदार प्रदर्शन
अनाहत सिंह की यह जीत उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर है। यह न केवल शीर्ष 10 खिलाड़ी के खिलाफ उनकी पहली जीत है, बल्कि यह साबित करती है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बड़े नामों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। कनाडा महिला ओपन में उनका सफर लगातार शानदार रहा है।
क्वार्टर फाइनल से पहले, उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में भी दमदार प्रदर्शन करते हुए फ्रांस की विश्व की 20वें नंबर की खिलाड़ी मेलिसा अल्वेस को हराया था। अब, सेमीफाइनल में उनका मुकाबला इंग्लैंड की विश्व की 10वें नंबर की खिलाड़ी और चौथी वरीयता प्राप्त जीना कैनेडी से होगा।
कोच की सलाह और आत्मविश्वास ने दिलाई ऐतिहासिक सफलता
इस ऐतिहासिक जीत के बाद, 17 वर्षीय अनाहत सिंह ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वह वास्तव में उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, "टिन्नी गिलिस शीर्ष 10 खिलाड़ियों में से एक हैं और यह पहली बार है जब मैं शीर्ष 10 में शामिल किसी खिलाड़ी को हराने में सफल रही। मैंने अभी तक इस टूर्नामेंट में जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे मैं बहुत खुश हूं।"
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच को भी दिया, जिनसे उन्होंने सुबह बात की थी। "मेरे कोच ने कहा था कि अगर मैं पिछले दौर की तरह प्रदर्शन करती हूं तो किसी भी खिलाड़ी को हरा सकती हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की मानसिकता के साथ यहां आई थी और इससे मुझे फायदा मिला।" अनाहत का यह आत्मविश्वास अब उन्हें फाइनल की दहलीज तक ले जाने के लिए प्रेरित करेगा।
