मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक दिवसीय मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं आईआईएमटी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी कल्याण देव औषधालय में एक दिवसीय मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) संगीता शुक्ला ने की। उन्होंने शिविर का शुभारंभ किया और विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।
*कुलपति ने कहा कि “आप किसी भी विषय के विद्यार्थी हों, किन्तु शरीर में होने वाली मूलभूत शारीरिक गतिविधियों की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। स्वस्थ शरीर ही सफल जीवन की आधारशिला है, अतः ऐसे स्वास्थ्य शिविर सभी के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं।”
मंच का संचालन करते हुए *डॉ. नीरज पँवार, एसोसिएट प्रोफेसर, भौतिक विज्ञान विभाग* ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय से आए चिकित्सकों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य शिविर विश्वविद्यालय समुदाय के लिए स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर *डॉ. अंशु चौधरी, प्रो. राकेश कुमार शर्मा, प्रोफेसर रमाकांत, प्रो. प्रदीप चौधरी, प्रो. संजीव कुमार शर्मा, डॉ. सचिन कुमार, डॉ. नवज्योति सिद्धू, डॉ. कमल कुमार शर्मा, साक्षी मावी, डॉ. विवेक नौटियाल, तथा शोधार्थी पवन कुमार की उपस्थिति में शिविर का विधिवत शुभारंभ हुआ।*
शिविर को चार मुख्य भागों में विभाजित किया गया
आयुर्वेद कंसल्टेशन, मेडिकल लैब टेस्टिंग (ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन आदि), फिजियोथैरेपी असेसमेंट एवं होम एडवाइस, तथा आई चेकिंग एंड एडवाइस। इन सभी सेवाओं के अंतर्गत प्रतिभागियों की जांच कर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श एवं सुझाव प्रदान किए गए।
आयुर्वेद कंसल्टेशन विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रतिभागियों को शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के महत्व पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल रोग निवारण की चिकित्सा नहीं बल्कि “स्वस्थ जीवन जीने की कला” है। उन्होंने संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, नियमित योग एवं प्राणायाम को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने की सलाह दी। मौसमी बदलाव के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए तुलसी, गिलोय, आंवला, अश्वगंधा, शतावरी और त्रिफला जैसे औषधीय पौधों के सेवन को उपयोगी बताया। साथ ही उन्होंने भोजन में ताजे फल-सब्जियाँ, घी और पर्याप्त जल का सेवन बढ़ाने तथा जंक फूड से परहेज़ करने की सलाह दी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि शरीर की प्रकृति—वात, पित्त और कफ—को समझकर दिनचर्या बनाना दीर्घायु और निरोग रहने का सर्वोत्तम उपाय है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शोधार्थी पवन कुमार, छात्र आदित्य वर्मा, अनस मलिक, आशीष,अभय तथा स्वामी कल्याण देव औषधालय से डॉ. प्रमोद बंसल, डॉ. रीता, विरेन्द्र आदि का योगदान रहा। समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव एवं अकाउंट ऑफिसर श्री योगेश उपाध्याय उपस्थित रहे। रजिस्ट्रार महोदय ने अपने आशीर्वचन में कहा कि “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, और ऐसे कार्यक्रम समाज में स्वास्थ्य चेतना को नई दिशा देंगे।” उनके शुभ संदेश के साथ कार्यक्रम का सफल समापन किया गया।
