बिहार चुनाव में महापर्व छठ पर राजनीति, राहुल के बयान पर पीएम मोदी का पलटवार
आज बिहार की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर सीधा और करारा प्रहार किया। उन्होंने राहुल के बयान को छठ पर्व का अपमान बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "जो महिलाएँ निर्जला व्रत रखती हैं, क्या वे इसे बर्दाश्त करेंगी कि छठ मइया की पूजा को ड्रामा कहा जाए?"
मोदी ने सीधे जनता से सवाल किया, "ऐसे नेताओं को सजा दोगे या नहीं?" प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी की टिप्पणी को बिहार और पूर्वांचल के सभी छठ भक्तों का अपमान बताया है, और कहा है कि इस अपमान को बिहार सैकड़ों साल तक नहीं भूलेगा।
विवाद की जड़ राहुल गांधी का वह बयान है, जो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए दिया था।
राहुल गांधी ने अपनी रैली में कहा था "अगर मोदी जी ड्रामा करना चाहते हैं, छठ पूजा का ड्रामा करना चाहते हैं, तो पानी आएगा, वीडियो कैमरा आएगा... उनको यमुना से कुछ लेना देना नहीं, उनको छठ पूजा से कुछ लेना देना नहीं। उन्हें सिर्फ आपका वोट चाहिए। अगर आप उनको कहो कि देखो भैया हम आपको वोट देंगे आप स्टेज पे आके नाच लो वो नाच लेंगे।"
कांग्रेस नेता ने यह टिप्पणी दिल्ली में यमुना किनारे छठ पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के स्नान को लेकर की थी, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के लिए साफ पानी का छोटा सा तालाब बनाया गया, जबकि आम लोग गंदी यमुना में डुबकी लगा रहे थे।
राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी पूरी ताकत से भुना रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य बीजेपी नेताओं ने भी राहुल के बयान को 'छठी मइया का अपमान' बताते हुए कांग्रेस और महागठबंधन को चुनाव में खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है।
उधर, कांग्रेस ने बयान को तोड़ा-मरोड़ा जाने की बात कहकर अपना बचाव किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी की टिप्पणी का उद्देश्य प्रधानमंत्री की चुनावी नौटंकी पर सवाल उठाना था, न कि छठ पूजा का अपमान करना।
इस बयान को लेकर राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ एक परिवाद (शिकायत) भी दर्ज कराई गई है, जिसमें उनकी टिप्पणी से धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाया गया है।
