कानपुर देहात में आबकारी विभाग का बड़ा घोटाला! फर्जी दस्तावेज़ों पर शराब ठेका?
"कानपुर देहात… जहां आबकारी विभाग में फर्जीवाड़े का एक बड़ा खेल सामने आया है। यहां शराब का ठेका अस्वीकृत चरित्र प्रमाण पत्र और संदिग्ध दस्तावेज़ों पर पिछले 8 महीनों से चल रहा है। सवाल है—क्या विभाग सो रहा था, या खेल में शामिल था?"
"हमारी जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति को ठेका अलॉट किया गया… उसका चरित्र प्रमाण पत्र पहले ही अस्वीकृत हो चुका था। यही नहीं, लाइसेंस धारक के खिलाफ पहले से मुकदमे भी दर्ज हैं। फिर भी, विभाग ने उसे शराब का ठेका जारी कर दिया।"
"सबसे चौंकाने वाली बात—यह पूरा ठेका 8 महीनों से फर्जी दस्तावेज़ों पर संचालित हो रहा है। किसी अधिकारी ने जांच नहीं की, न सर्टिफिकेट की पुष्टि, न सत्यापन।""स्थानीय लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर दस्तावेज़ गलत थे… तो यह ठेका आखिर किसके इशारे पर चल रहा है?""कानपुर देहात के आबकारी विभाग पर गंभीर प्रश्नचिह्न उठ रहे हैं। जब लाइसेंस धारक पहले से मुकदमों में था, और चरित्र प्रमाण पत्र अस्वीकृत… तो विभाग ने लाइसेंस कैसे जारी कर दिया?""जब इस मामले पर विभाग से सवाल पूछे गए, तो जवाब मिला—‘हमें कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए कार्रवाई नहीं की।’"
"लेकिन असली सवाल यह है—क्या विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ शिकायत मिलने का इंतजार करना है… या दस्तावेज़ों की जांच करना भी उसकी ड्यूटी होती है?""यह मामला सिर्फ एक ठेके का नहीं… बल्कि सिस्टम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है। क्या सच सामने आएगा या फिर यह भी कई मामलों की तरह दब जाएगा?"
