तिरुवनंतपुरम में आरएसएस कार्यकर्ता की आत्महत्या, सुसाइड नोट में भाजपा-आरएसएस पर गंभीर आरोप
तिरुवनंतपुरम। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की सरगर्मी के बीच एक दुखद घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
लेकिन जब टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। सुसाइड नोट में आनंद ने खुलकर आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा और आरएसएस नेतृत्व पर 'भू-माफिया गिरोह' ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने वार्ड के भाजपा क्षेत्र अध्यक्ष सहित कई नेताओं को भू-माफिया करार दिया और कहा कि इनकी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए एक प्रभावशाली व्यक्ति की जरूरत थी। इसी कारण पार्टी ने भू-माफिया विनोद कुमार को उम्मीदवार बना दिया।
आनंद ने लिखा कि निर्दलीय लड़ने के फैसले के बाद आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उनकी सहनशक्ति टूट गई। आनंद ने सुसाइड पत्र में लिखा, "मैंने आरएसएस के जिला कार्यकर्ताओं को सीधे तौर पर बताया था कि मैं त्रिक्कण्णपुरम से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता हूं। लेकिन जब भू-माफिया गिरोह ने आरएसएस और भाजपा पर कब्जा कर लिया, तो मैं त्रिक्कण्णपुरम वार्ड से भाजपा उम्मीदवार नहीं बन सका।
जब मैंने त्रिक्कण्णपुरम वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं का मानसिक दबाव मेरी सहनशक्ति से बाहर था।" उन्होंने आगे लिखा, "मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं को मेरे मृत शरीर को देखने की भी इजाजत न दी जाए। मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती यही है कि मैं एक आरएसएस कार्यकर्ता के तौर पर रहा और इस मौत से ठीक पहले तक, मैं सिर्फ एक आरएसएस कार्यकर्ता के तौर पर जिया और यही वजह है कि आज मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि किसी और को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।"
