यूपी के पूर्व मुख्यसचिव सुना रहे थे मौत का किस्सा, माईक पर ही हार्ट अटैक से हुई मौत

लखनऊ। हिंदी संस्थान में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान उस समय स्तब्ध कर देने वाली घटना घटी, जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंभुनाथ मंच से मृत्यु का दृष्टांत सुना रहे थे और अचानक उन्हें हार्ट अटैक आ गया। वे माइक थामे मेज पर लुढ़क गए। तत्काल CPR देने की कोशिश हुई, लेकिन हालत गंभीर देख उन्हें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कार्यक्रम में मौजूद साहित्यकार, अधिकारी और आयोजक गहरे सदमे में हैं। वरिष्ठ कवि सर्वेश अस्थाना ने बताया कि डॉ. शंभुनाथ का साहित्यिक जीवन प्रेरणादायी था और उन्होंने उनके साहित्य पर एक पुस्तक भी लिखी थी। वे अपने कार्यकाल में राज्यपाल के प्रमुख सचिव रहते हुए उसे अपने जीवन का स्वर्णिम काल मानते थे।
डॉ. शंभुनाथ का जीवन परिचय
डॉ. शंभुनाथ का जन्म 2 मार्च 1947 को बिहार के छपरा जिले में हुआ था। वे सिविल सेवा में चयनित होकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव पद तक पहुंचे। साहित्य के प्रति उनका झुकाव बचपन से था। उन्होंने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पर शोध किया था और रामचरितमानस व श्रीराम के चरित्र पर विशेष कार्य किया।
उनकी पत्नी चंदा नाथ, और दो बेटे गौरव व अमितांशु नाथ उनके परिवार में हैं। वे लोहिया पार्क के पास रहते थे और अक्सर साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन करते थे।
हिंदी संस्थान की प्रधान संपादक डॉ. अमिता दुबे और दूरदर्शन के उपनिदेशक आत्म प्रकाश मिश्र ने भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह क्षति अपूरणीय है। कार्यक्रम के दौरान जिस तरह उनका निधन हुआ, वह एक अनकही कथा को अधूरा छोड़ जाने जैसा था।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे। साहित्यजगत उन्हें हमेशा एक प्रेरणास्रोत के रूप में याद करेगा।