जांच वहां से शुरू हो, जहां के कर्ता धर्ता स्वयं मुख्यमंत्री हैं - अखिलेश यादव

लखनऊ। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में मानकों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जांच वहां से शुरू हो, जहां के कर्ता धर्ता स्वयं मुख्यमंत्री हैं।
यादव ने सोमवार देर शाम एक्स पर लिखा “ जब मुख्यमंत्री एसआईआर की तर्ज़ पर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीआईआर (थ्रो इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) लाने का आदेश दे रहे हैं तो कुछ उनकी भी सलाह मान लें। लगे हाथ सभी राज्य विश्वविद्यालयों की कमान मुख्यमंत्री के हाथ में होने का फ़रमान जारी कर दें। उन सभी वाइस चांसलर की भी जाँच हो जो संगी-साथियों की पर्ची के लेनदेन से पदों पर बैठे हैं। विवि के वित्तीय अनियमितताओं और परीक्षा घोटालों की भी जाँच हो।
शिक्षकों की नियुक्तियों में आरक्षण मारने की जाँच हो। इसकी भी गहरी जाँच हो कि नाट फाउंड सूटेबल (एनएफएस) कैसे पीडीए के ख़िलाफ़ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी की पड़ताल हो। छात्रवृत्ति योजना में घपले की जाँच हो। बुनियादी सुविधाओं के लिए दिया गया फ़ंड डकारनेवालों की जाँच हो। फर्जी डिग्री विवाद का इन्वेस्टिगेशन हो। निजी विश्वविद्यालयों में लगे सत्ताधीशों के कालेधन की जाँच हो। विश्वविद्यालय के मानकों को धता बतानेवालों की जाँच हो। ”
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में कहा "अच्छा हो कि जाँच की निष्पक्षता, विश्वसनीयता और पारदर्शिता का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए जाँच वहाँ से शुरू हो जहाँ के कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री आप स्वयं हैं।"
उन्होंने कहा "चलते-चलते एक ये सलाह और कि आप ये भी ध्यान रखें कि मीडिया को इस बात की भनक न लगे कि इस जाँच के पीछे आप लोगों की विवि के ऊपर वर्चस्व की अंदरूनी लड़ाई जीतना ‘मुख्य’ उद्देश्य है, और अपने अधिकारियों को जाँच के नाम पर वसूली करने का मौका देना ‘उप’ उद्देश्य।”