मु़जफ्फरनगर। पानीपत-खटीमा हाईवे के निर्माण ने भारतीय इंटर कॉलेज नंगले मंदोड़ के छात्रों और आसपास के ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इस हाईवे के बनने के दो साल बाद स्कूल का मुख्य मार्ग प्रभावित हो गया है और बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। नतीजतन, करीब 12 से 14 गांवों से पढ़ने आने वाले लगभग 940 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और खेल-कूद दोनों प्रभावित हो रहे हैं। हाईवे की गहराई लगभग 6 फुट तक पहुंच चुकी है, जिससे स्कूल की हालत खस्ताहाल हो गई है।
मंगलवार को कॉलेज प्रांगण में हुई बैठक में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक), ग्रामीण, प्रधानाचार्य दिनेश कुमार, कई ग्राम प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता और अभिभावक मौजूद थे। ग्रामीणों ने बताया कि हाईवे निर्माण के दौरान नाले पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं, जिससे बरसात के दिनों में जल निकासी बाधित हो जाती है। भारी बारिश में कॉलेज प्रांगण तालाब जैसी स्थिति में पहुंच जाता है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हाईवे स्कूल से ऊंचाई पर बना है, जिससे स्कूल से फील्ड तक जाने का रास्ता बंद हो गया है और खेलकूद की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। ठेकेदारों द्वारा मैदान के पास प्लास्टिक के ढेर डालने से फील्ड की दीवार गिर गई है, जबकि स्टेडियम की सफाई न होने और घास बढ़ने से बच्चे मैदान में खेल नहीं पा रहे हैं।
भाकियू (अराजनैतिक) के युवा जिला अध्यक्ष विनीत त्यागी ने बताया कि पहले स्कूल के पास नाला था, जिसे हाईवे निर्माण के दौरान बंद कर दिया गया। इस वजह से बरसात के पानी का निकास बाधित है। NHAI अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई, लेकिन केवल मौखिक आश्वासन मिला है और कोई लिखित जवाब नहीं दिया गया।
प्रधानाचार्य दिनेश कुमार ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने मांग की है कि इंटर कॉलेज से फील्ड तक अंडरपास बनाया जाए, हाईवे के दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण हो और बरसाती पानी के निकास के लिए डेल का निर्माण किया जाए।
यूनियन नेताओं ने साफ कहा है कि यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो वे छात्रों और अभिभावकों के साथ मिलकर इंटर कॉलेज से मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, ठोस कार्रवाई ही आंदोलन को रोक सकती है।