भारत-ईरान द्विपक्षीय राजनीतिक परामर्श: भारत ने ईरान से तेल आयात पर दिया जोर

नई दिल्ली। भारत और ईरान के बीच वार्षिक द्विपक्षीय राजनीतिक परामर्श की बैठक 8 सितंबर 2025 को तेहरान में आयोजित हुई। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई।
आईएनएसटीसी, जो भारत को ईरान के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से यूरोप और रूस से जोड़ता है, क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने में सक्षम है। दोनों पक्षों ने आर्थिक, वित्तीय, व्यापार और वाणिज्यिक मामलों पर चर्चा की, जिसमें ऊर्जा सुरक्षा, निवेश और आपूर्ति शृंखलाओं का विस्तार शामिल था। ईरान ने चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत की भूमिका की सराहना की, जबकि भारत ने ईरानी तेल आयात और तकनीकी सहयोग पर जोर दिया। इसके अलावा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्रों में नई पहलों पर विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। अफगानिस्तान, मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी सहमति बनी।
संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय संगठनों, जैसे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ईरान के साथ भारत की भागीदारी को मजबूत करने पर बल दिया गया। दोनों देशों ने आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में वार्षिक राजनीतिक परामर्श के नियमित आयोजन पर संतोष व्यक्त किया गया। अगला दौर 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होगा, जो संबंधों को संस्थागत बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है। विदेश मंत्रालय के अनुसार ये परामर्श भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट वेस्ट' नीतियों को मजबूत करेंगे।