नेपाल की मौजूदा स्थिति पर भारत चिंतित, बताया- हालात पर हमारी करीब से नजर

नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन पर भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि हम पूरी स्थिति पर नजर बनाकर रखे हुए हैं। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अपना आधिकारिक बयान जारी किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस के रवैये पर दुख जताया।
मंत्रालय ने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई युवा घायल हो गए, तो कई को अपनी जान गंवानी पड़ी। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। इसके अलावा, हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर घायलों को जल्द से जल्द ठीक करें।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया कि नेपाल के पड़ोसी देश होने के नाते हम पूरी स्थिति पर नजर बनाकर रखे हुए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि नेपाल में जल्द से जल्द स्थिति ठीक हो जाए और अगर किसी बात को लेकर किसी के बीच कोई मतभेद है, तो उसका समाधान संवाद के जरिए निकाला जाए।
इसके अलावा, नेपाल में रह रहे भारतीयों को वहां के अधिकारियों की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि हमें यह जानकारी मिली है कि नेपाल के कई शहरों में मौजूदा स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है। बता दें कि नेपाल सरकार ने चार सितंबर को सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके खिलाफ देशभर के युवा सड़क पर आ गए थे। उन्होंने सरकार के फैसले का विरोध किया था।
लेकिन, पुलिस ने उनके विरोध को दबाने के लिए बल प्रयोग किया। इसमें कई युवाओं की जान चली गई और कई अन्य घायल हैं। इसी बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के एक अन्य मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया। कृषि और पशुपालन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि हिंसा से देश की पीड़ा को देखते हुए वह अपने पद पर बने नहीं रह सकते थे। इससे पहले, नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।