बेटे को सौंपी राजनीतिक विरासत, राजेश्वर बंसल ने राजनीति से संन्यास लिया, सपा से चुनाव लडने का ऐलान
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शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली की राजनीति में बड़ा बदलाव सामने आया है। जिले के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। उनके राजनीतिक सफर की विरासत अब उनके पुत्र अखिल बंसल संभालेंगे, जिन्होंने समाजवादी पार्टी से आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में दावा ठोका है।
इस दौरान उनके पुत्र अखिल बंसल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के विचारों से प्रेरित होकर राजनीति में आए हैं। उन्होंने कहा कि वे शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अखिल ने आरोप लगाया कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है। कई स्कूलों में बच्चे आज भी जमीन पर टाट बिछाकर पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने पिता की सामाजिक संस्था के साथ मिलकर कई विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध करा चुके हैं, और अभी भी ₹32 लाख का फर्नीचर वितरण होना बाकी है।
राजनीति में कदम रखने के फैसले पर अखिल बंसल ने कहा,
"हमारे परिवार की छवि हमेशा सेवा और ईमानदारी की रही है। मैं इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी के साथ जुड़कर काम करूंगा। यदि पार्टी ने अवसर दिया, तो चुनाव लड़ूंगा और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दूंगा।"
पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो उन्होंने वर्ष 1988 में नगर पालिका शामली के चेयरमैन के रूप में राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद 1989 में वे शामली विधानसभा से विधायक चुने गए। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने तीन बार नगर पालिका चेयरमैन पद पर जीत हासिल की और अनेक सामाजिक योजनाओं में अग्रणी भूमिका निभाई।
राजनीति से संन्यास लेने के फैसले पर उन्होंने कहा, "अब समय है कि नई पीढ़ी आगे आए। मैं अपने अनुभव और मार्गदर्शन से अखिल को मदद करूंगा। मेरी प्राथमिकता अब समाजसेवा है।"