लखीमपुर में तेंदुए का कहर: चारा लेने गए किसान को मार डाला, विधायक बोले - जब तक तेंदुआ नहीं पकड़ा जाता, अफसर यहां से नहीं जाएंगे

लखीमपुर खीरी। धौरहरा वन रेंज के लोकईपुरवा गांव में तेंदुए के हमले में एक किसान की दर्दनाक मौत हो गई। 35 वर्षीय मुन्नालाल अपने मवेशियों के लिए चारा लेने घर से निकले थे, तभी झाड़ियों में घात लगाए बैठे तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुआ उन्हें सिर से पकड़कर जंगल की ओर घसीट ले गया और एक पैर खा गया।
मृतक की पत्नी पूजा देवी ने बताया कि सुबह सात बजे वे घर से निकले थे, लेकिन दोपहर 12 बजे तक वापस नहीं लौटे। परिवार ने खुद ही खोजबीन शुरू की, जिसके बाद खेतों में उनका शव मिला।
शव देखते ही गांव में कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही कोतवाली धौरहरा से दरोगा रूद्र प्रकाश पांडे, सिपाही संजीव, वन रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी और वन रक्षक राजेश दीक्षित मौके पर पहुंचे। लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने टीम को घेर लिया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने से इनकार कर दिया।
ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक तेंदुए को पकड़ कर पिंजरे में बंद नहीं किया जाता, वे किसी को भी शव को हाथ नहीं लगाने देंगे। मौके पर पहुंचे धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने भी अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “इस मौत का जिम्मेदार कौन है? हर बार कहा जाता है कि लखनऊ से अनुमति ली जा रही है। जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, यहां से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं जाएगा।”
वन विभाग ने स्थिति को देखते हुए तत्काल ट्रैप कैमरे लगाने की बात कही। रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि तेंदुए को ट्रैक करने के लिए कैमरे लगाए जा चुके हैं और ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मुख्यालय से मांगी गई है। सोमवार तक पिंजरा भी लगाया जाएगा।
घर का इकलौता कमाने वाला था मुन्नालाल
मुन्नालाल अपने परिवार का अकेला सहारा था। पत्नी पूजा देवी और पांच छोटे-छोटे बच्चे—14 वर्षीय क्रांति, 9 साल का सुनील, 6 साल की प्रीति और 4 साल का रवि—इस दर्दनाक हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं। गांव में मातम पसरा है और हर आंख नम है।
एक महीने में चार हमले, दहशत में गांव
धौरहरा और आसपास के इलाकों में तेंदुए के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। बीते एक महीने में चार लोगों पर हमले हो चुके हैं। 23 सितंबर को रमियाबेहड़ के मिश्रीलाल और 10 सितंबर को केवलपुरवा निवासी प्रकाशचंद उर्फ मोतीलाल पर तेंदुए ने हमला किया था। ईसानगर क्षेत्र के खजुआ गांव में रमजान नामक व्यक्ति घायल हो चुका है, जबकि बबुरी भट्ठे के पास एक तेंदुआ छह से अधिक लोगों को घायल कर चुका है।
कई इलाकों में पसरा खौफ
धौरहरा, फरधान, रमियाबेहड़, मझगईं और निघासन रेंज के कई गांवों में लोग खौफ के साये में जी रहे हैं। चौखड़ा फार्म में तेंदुआ अब तक आधा दर्जन से ज्यादा कुत्ते और बछड़े मार चुका है। गनेशपुर, करनपुर, हरिहरपुर और सिंगाही गांवों में भी तेंदुए की दहशत बनी हुई है।
ग्रामीणों की मांग है कि तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और लगातार हो रही इन घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ठोस कदम उठाए।