चरण पादुका पूजन के साथ शुरू हुई जगदगुरु श्रीरामभद्राचार्य की कथा, बोले- संस्कार चाहिए तो संस्कृत पढ़ो

मेरठ। मेरठ के भामाशाह पार्क में जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य की कथा का शुभारंभ चरण पादुका पूजन के साथ हुआ। इस दौरान जगदगुरु ने कहा कि आज हिंदू समाज कई संकटों से गुजर रहा है और देश में हिंदू धर्म को उचित न्याय नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान जैसा हो गया है और अब हमें मुखर होकर अपने धर्म की रक्षा करनी होगी।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को याद करते हुए कहा कि बिना अपराध के हिंदुओं को मारा जा रहा है और ऐसे अपराधियों को समाप्त कर देना चाहिए। जगदगुरु ने यह भी कहा कि हिंदुओं के तीन बच्चे जरूर होने चाहिए।
कथा व्यास ने कहा कि भारतीय संस्कृति को जानना है तो संस्कृत पढ़ना जरूरी है। पुरुष की शोभा सिर्फ दीये जलाने या आभूषण पहनने से नहीं बढ़ती, बल्कि संस्कृत निष्ठा से बढ़ती है। उन्होंने बताया कि चित्रकूट में श्रीराम नवमी के अवसर पर संस्कृत संस्कृति गुरुकुलम की स्थापना की जाएगी, जिसमें 300 बच्चों को शिक्षा दी जाएगी और देशभर के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
जगदगुरु ने कहा कि वे अंग्रेजी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन अंग्रेजी संस्कार नहीं दे सकती। युवाओं को समझाते हुए उन्होंने 'LOVE' शब्द के अर्थ भी विस्तार से बताए — एल (L) आंसुओं से जुड़ा है और ई (E) जिंदगी के अंत से।
कथा श्रवण में श्रम एवं सेवा नियोजन राज्यमंत्री डॉ. रघुराज सिंह, सुनील भराला, आलोक सिसोदिया, हर्ष गोयल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।