अमरोहा कोर्ट ने धोखाधड़ी केस में भाजपा नेता को राहत नहीं दी, पुलिस रिपोर्ट खारिज कर 30 दिन में नई जांच का आदेश

Amroha News: अमरोहा की अदालत ने भाजपा नेता महमूद हसन उर्फ बब्बू मंसूरी को कथित धोखाधड़ी मामले में बचाने की पुलिस की कोशिशों को सख्ती से नकार दिया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय ने नगर कोतवाली पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज करते हुए 30 दिन के भीतर नई जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अदालत का यह फैसला पीड़ित पक्ष के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
सरकारी ठेकेदार ने लगाया गंभीर आरोप
करोड़ों के लेन-देन का खेल
पीड़ित मुरसलीन के अनुसार, अप्रैल 2018 से जनवरी 2021 के बीच उन्होंने बब्बू मंसूरी की चार अलग-अलग फर्मों में करीब 80 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर किए। इसके अलावा 10.50 लाख रुपये नकद भी दिए। मंसूरी ने उन्हें मात्र 7 लाख रुपये मुनाफा लौटाया, बाकी रकम पर कोई हिसाब नहीं दिया।
पैसे मांगने पर मिली धमकी
मुरसलीन ने जब जुलाई 2023 में अपनी रकम की वापसी की मांग की, तो भाजपा नेता ने उन्हें धमकी दी। आरोप है कि मंसूरी ने अपने विधायकों और मंत्रियों से संबंधों का हवाला देते हुए पीड़ित को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इससे मामले ने नया मोड़ लिया।
न्यायालय के हस्तक्षेप से दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस की निष्क्रियता के चलते लंबे समय तक शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर 20 जून 2024 को महमूद हसन उर्फ बब्बू मंसूरी के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
नेता की पहचान और राजनीतिक प्रभाव
बब्बू मंसूरी न सिर्फ भाजपा नेता हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम कानपुर में पंजीकृत ठेकेदार भी हैं। इसके साथ ही वह ऑल इंडिया जमीयतुल मंसूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। इन तमाम राजनीतिक और सामाजिक पहचान के बावजूद अब उन पर कानूनी शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है।