रोशनी की दिवाली में अंधकार से सावधान! आंखों की सुरक्षा पर दें ध्यान, पटाखों से चोटें बढ़ा रहीं खतरा


डॉ. महिपाल सिंह सचदेव का चेतावनी भरा संदेश

प्रदूषण बना आंखों का नया दुश्मन
पटाखों का असर केवल तुरंत नहीं होता, बल्कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आंखों में सूखापन, एलर्जी और कंजंक्टिवाइटिस जैसी बीमारियां भी फैलती हैं। सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें हवा में सूक्ष्म कणों को बढ़ा देती हैं। डॉ. सचदेव ने बताया कि जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं या हाल ही में आंखों की सर्जरी करवा चुके हैं, वे इस समय अधिक सावधान रहें, क्योंकि उनकी आंखें अत्यधिक संवेदनशील रहती हैं।
सुरक्षा सबसे जरूरी
डॉ. सचदेव ने कहा, “पटाखे जलाते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखना, कॉन्टैक्ट लेंस न पहनना, और धुएं या कणों के संपर्क में आने पर आंखें न रगड़ना - ये कुछ अहम एहतियात हैं जो गंभीर चोटों से बचा सकती हैं।” उन्होंने सलाह दी कि अगर आंखों में जलन महसूस हो, तो तुरंत साफ पानी या सलाइन वॉश से आंखें धोई जानी चाहिए और आवश्यक होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रदूषण से बचाव के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग और घर के अंदर रहना भी मददगार है।
बच्चों के लिए ज्यादा जिम्मेदारी जरूरी
बच्चों के लिए दिवाली एक उत्सव से ज्यादा उत्साह का प्रतीक होती है, लेकिन अक्सर वे लापरवाही का शिकार बन जाते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बच्चों को केवल हल्के स्पार्कलर ही जलाने दें, वह भी निगरानी में। सूती कपड़े पहनाना और खुले स्थान पर पटाखे जलाना अधिक सुरक्षित रहता है। माता-पिता को बच्चों को दूरी बनाए रखने और सुरक्षा के नियम सिखाने चाहिए ताकि किसी गंभीर हादसे से बचा जा सके।
इको-फ्रेंडली दिवाली और सुरक्षित नज़रों का संदेश
डॉ. सचदेव ने कहा कि “अगर हम इको-फ्रेंडली तरीके से, पारंपरिक दीयों और सजावट के साथ दिवाली मनाएं, तो यह आंखों की सुरक्षा के साथ पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि इस साल की दिवाली को "जिम्मेदारी की दिवाली" बनाएं - जहां रोशनी के साथ जागरूकता और सुरक्षा का भी प्रकाश फैले।
सेंटर फॉर साइट की शुभकामनाएं
अस्पताल की ओर से लोगों को संदेश दिया गया है कि आंखें सबसे अनमोल उपहार हैं। एक छोटी सी गलती भविष्य के अंधकार का कारण बन सकती है। इस दिवाली अपने परिवार और बच्चों के साथ जिम्मेदारी से त्योहार मनाएं, पटाखों से दूरी रखें, और अपनी नज़रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।