20 लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट: केंद्र से हस्तक्षेप की मांग, रामपुर से उठी बड़ी आवाज़

Rampur News: रामपुर में शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया टीईटी संबंधी फैसले का विरोध करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा और इस फैसले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसका असर
2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों की बड़ी मांग
शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के मुताबिक 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट दी गई थी। नियम केवल 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए लागू था, जिन्हें एक निश्चित समय सीमा के भीतर टीईटी पास करना होता। ऐसे में अब सभी पर नियम लागू करना अन्यायपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति
शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश केवल भविष्य की भर्तियों पर लागू होना चाहिए। 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को इससे छूट दी जानी चाहिए ताकि उनकी सेवा सुरक्षा बनी रहे। साथ ही पुराने नियमों के तहत नियुक्त अनुभवी शिक्षकों की नौकरी पर कोई खतरा न आए।
शिक्षकों के अधिकार और सम्मान की मांग
ऑल इंडिया बेसिक रूरल स्कूल मास्टर्स एसोसिएशन (ABRSM) का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उन शिक्षकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना, जिन्होंने अपना पूरा जीवन बच्चों को शिक्षित करने में समर्पित कर दिया है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।