सर्दी में करें भिंडी की खेती और कमाएं लाखों का मुनाफा, जानिए लो टनल विधि से पाले में भी हरी-भरी फसल उगाने का पूरा तरीका
अगर आप सर्दी के मौसम में खेती से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है। नवंबर और दिसंबर के महीनों में जब ज़्यादातर फसलें पाले से प्रभावित होती हैं, तब भी किसान एक ऐसी सब्जी की खेती कर सकते हैं जो कम आवक के कारण मंडी में ऊंचे दाम देती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं भिंडी की खेती की। अगर किसान थोड़ी तकनीकी जानकारी और सही विधि अपनाएं तो सर्दी में भिंडी की फसल से दो से तीन गुना ज्यादा आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
सर्दी में भिंडी की खेती क्यों करें
लो टनल विधि और मल्चिंग से करें खेती
सर्दी में भिंडी की खेती करते समय पाले से फसल को बचाना सबसे जरूरी होता है। इसके लिए लो टनल विधि सबसे कारगर साबित होती है। इसमें फसल को प्लास्टिक क्रॉप कवर से ढक दिया जाता है जिससे अंदर का तापमान संतुलित रहता है और पौधे पाले से नहीं मरते। इसके साथ ही प्लास्टिक मल्च लगाने से नमी बनी रहती है और खरपतवार की समस्या भी नहीं होती। इससे फसल स्वस्थ और हरी-भरी रहती है।
खेत की तैयारी और खाद प्रबंधन
भिंडी की खेती शुरू करने से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें। सबसे पहले एक बार जुताई करें और खेत को कुछ दिनों के लिए धूप में खुला छोड़ दें ताकि कीट और फंगस का असर खत्म हो जाए। इसके बाद दो साल पुरानी गोबर की सड़ी हुई खाद डालें। ताजी खाद का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि इससे फंगस की समस्या बढ़ सकती है। अगर रासायनिक खाद का उपयोग करना चाहें तो डीएपी, एमओपी और यूरिया का संतुलित उपयोग करें।
फसल की बुवाई बेड बनाकर करनी चाहिए। बेड की ऊंचाई लगभग एक फीट और चौड़ाई तीन फीट रखें। दो पौधों के बीच करीब 20 सेंटीमीटर की दूरी और दो लाइनों के बीच 15 सेंटीमीटर की दूरी रखें। सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम का प्रयोग करें ताकि पानी की बर्बादी न हो और पौधों को आवश्यकतानुसार नमी मिलती रहे।
सर्दी में भिंडी की खेती के लिए बेहतरीन वैरायटी
सर्दी के मौसम में भिंडी की खेती के लिए सही वैरायटी का चुनाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि हर बीज हर तापमान में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता। किसानों के लिए एडवांटा की ‘राधिका’, नोमेंस की ‘सम्राट’ और ‘सिंघम’ जैसी वैरायटी बहुत बेहतर हैं। इसके अलावा वीएनआर की ‘जानवी’ और सिजेंटा की ‘ओएच 102’ भी सर्दी की खेती के लिए उपयुक्त हैं। किसान अपने स्थानीय बाजार और क्षेत्र की जलवायु के अनुसार वैरायटी का चयन करें ताकि उत्पादन भी अच्छा मिले और मंडी भाव भी बढ़िया मिल सके।
मुनाफा और खास सलाह
अगर किसान सही समय पर बुवाई करें और ऊपर बताई गई तकनीकें अपनाएं तो 45 से 50 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। इस समय जब बाजार में भिंडी की कमी होती है तो किसान आसानी से दो से तीन गुना मुनाफा कमा सकते हैं। बस ध्यान रखें कि पाला पड़ने के समय सुबह हल्की सिंचाई अवश्य करें ताकि फसल पर बर्फ जमने से नुकसान न हो।सर्दी के मौसम में भिंडी की खेती न सिर्फ फायदेमंद है बल्कि यह किसानों को अतिरिक्त आमदनी का बेहतरीन अवसर देती है। कम लागत में ज्यादा उत्पादन और मंडी में ऊंचे भाव मिलने के कारण यह खेती किसानों के लिए एक समझदार विकल्प साबित हो सकती है।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों के सुझाव और विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। फसल से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने स्थानीय कृषि अधिकारी या विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।
