सितंबर में करें इन सब्जियों की खेती और पाएं शानदार मुनाफा, जानिए सब्जियों की खेती के बारे में

सितंबर में कौन-सी सब्जियां लगाएं और कैसे पाएं अच्छा मुनाफा। शिमला मिर्च, करेला, ब्रोकली, गाजर और बैंगन की खेती से जानें पूरी जानकारी
खेती-किसानी का असली मज़ा तभी आता है जब मेहनत के साथ-साथ सही समय पर सही फसल लगाई जाए। सितंबर का महीना किसानों के लिए सोने पर सुहागा होता है क्योंकि इस समय मौसम न ज्यादा गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा। बरसात के बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी रहती है जो सब्जियों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। यही कारण है कि सितंबर में लगाई गई सब्जियां न सिर्फ तेजी से बढ़ती हैं बल्कि सर्दियों के सीजन और त्योहारों के वक्त अच्छी कीमत भी दिलाती हैं।
सितंबर में किन सब्जियों की खेती करें
दोस्तों सितंबर में किसान भाई करेला, गाजर, बैंगन, शिमला मिर्च और ब्रोकली जैसी सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इन सब्जियों की खासियत है कि इनकी डिमांड शहरों और गांव दोनों जगह बनी रहती है।
शिमला मिर्च की बात करें तो इसका बाजार भाव सालभर अच्छा रहता है। सितंबर में बोने पर इसकी फसल 70 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। एक बीघा खेत में किसान लगभग 20 से 25 हजार रुपये तक खर्च करते हैं लेकिन मेहनत से उपज लेकर वे 80 से 90 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। यही नहीं एक एकड़ से 200 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है और बाजार में इसका दाम 50 रुपये किलो तक मिलता है।
करेला भी इस मौसम में खूब फायदा देता है। इसकी कई बेहतर किस्में जैसे पूसा संकर, पंजाब करेला और अर्का हरित आसानी से उपलब्ध हैं। करेला 60 से 70 दिनों में बाजार के लिए तैयार हो जाता है और इसकी मांग लगातार बनी रहती है।
ब्रोकली की खासियत यह है कि शहरों में इसकी डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है। हेल्दी फूड के तौर पर लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को ब्रोकली से अच्छा दाम मिलता है।
इसी तरह बैंगन सर्दियों की लोकप्रिय सब्जी है। सितंबर में बोने पर यह 70 से 120 दिनों में तैयार हो जाता है। वहीं गाजर अगस्त से नवंबर तक बोई जाती है और करीब दो महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है। त्योहारों और ठंड के मौसम में गाजर की मांग सबसे ज्यादा रहती है।
खेती करते समय किन बातों का रखें ध्यान
अब बात आती है खेती करते समय सावधानियों की। अगर किसान सही देखभाल करें तो उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ जाते हैं। सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें और जैविक खाद का उपयोग जरूर करें। बरसात के बाद अक्सर मिट्टी में नमी ज्यादा होती है इसलिए बीज बोने से पहले यह ध्यान रखें कि मिट्टी संतुलित हो। ज्यादा नमी होने पर रोग और कीट बढ़ने का खतरा होता है।
खेत में जल निकासी की व्यवस्था बेहतर रखें ताकि बरसात का पानी जमा न हो। खरपतवार पर नियंत्रण रखें क्योंकि इस मौसम में यह तेजी से फैलता है। कीट और रोगों के लिए जैविक उपाय और दवाओं का उपयोग समय-समय पर करें। सबसे जरूरी बात यह है कि हमेशा अच्छी कंपनी और रोग प्रतिरोधी किस्म के बीज ही चुनें।
सितंबर का महीना किसानों के लिए सब्जियों की खेती का बेहतरीन समय है। अगर इस दौरान शिमला मिर्च, करेला, ब्रोकली, बैंगन और गाजर जैसी सब्जियों की खेती की जाए तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है। त्योहारों के समय इन सब्जियों की मांग सबसे ज्यादा होती है और किसान भाइयों को उनकी मेहनत का सही फल मिलता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और जागरूकता के उद्देश्य से है। खेती करने से पहले किसान भाई अपने स्थानीय कृषि विशेषज्ञ या कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह जरूर लें।