धान की टीसीआर किस्म: कम पानी में ज्यादा पैदावार देने वाली हाईटेक वैरायटी, जो किसानों को दिलाएगी लाखों का मुनाफा

खेती-बाड़ी से जुड़े किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है कि कौन सी फसल ऐसी हो जो हर परिस्थिति में आसानी से उग सके और अच्छा उत्पादन भी दे सके। खासकर धान की खेती में यह चिंता और भी ज्यादा होती है क्योंकि धान की फसल पानी पर निर्भर रहती है और मौसम की मार से इसका नुकसान भी हो जाता है। लेकिन आज हम आपको धान की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे हैं जो किसानों की उम्मीदों पर खरी उतरती है।
टीसीआर धान की खासियत
धान की टीसीआर किस्म को कम अवधि वाली किस्म माना जाता है। इसे पकने में लगभग 125 से 130 दिन का समय लगता है। इसका मतलब यह हुआ कि किसानों को जल्दी उत्पादन मिल जाता है और अगली फसल की तैयारी के लिए समय भी बचता है।
खेती की विधि
इसकी खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी सबसे बेहतरीन मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। खेती शुरू करने से पहले बीजों का फफूंदनाशक दवा से उपचार करना जरूरी है ताकि शुरुआती रोगों से बचाव हो सके। पहले इसकी नर्सरी डाली जाती है और फिर खेत में रोपाई की जाती है। गोबर की खाद का प्रयोग इसकी पैदावार को और भी बेहतर बना देता है।
उत्पादन और मुनाफा
धान की टीसीआर किस्म अपनी बेहतरीन उत्पादन क्षमता के लिए मशहूर है। यह वैरायटी कम पानी और कम बारिश वाले इलाकों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने पर किसान आसानी से 60 से 70 क्विंटल तक धान का उत्पादन ले सकते हैं। इतनी जबरदस्त उपज किसानों को लाखों रुपये का मुनाफा दिलाने में सक्षम है।
दोस्तों, अगर आप धान की खेती में कुछ नया और फायदेमंद आजमाना चाहते हैं तो टीसीआर किस्म आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह किस्म न सिर्फ कम पानी में ज्यादा उत्पादन देती है बल्कि मौसम की मार से भी बचाती है। आने वाले समय में यह किस्म किसानों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन सकती है।
Disclaimer: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृषि विशेषज्ञ या स्थानीय कृषि विभाग की सलाह जरूर लें।