वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत,सरकार ने फीस और शुल्क का 87,695 करोड़ चुकाने के लिए 2041 तक की मोहलत दी
नयी दिल्ली । केन्द्र सरकार ने वोडाफोन आइडिया के बाजार प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क आदि के रूप में कुल 87,695 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान वर्ष 2040-41 तक करने की मोहलत दी है।
सरकार ने कहा है कि कंपनी को इस राशि पर ब्याज या जुर्माना नहीं देना होगा।
कंपनी को इस बकाया राशि के भुगतान के लिए 2031-32 से 2040-41 तक का समय दिया गया है। वोडाफोन ने सरकार से बकाया राशि के भुगतान के मामले में राहत मांगी थी और उसे राहत देने के प्रस्ताव को बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गयी। इससे पहले सरकार ने वोडाफोन आइडिया पर अपने बकाया को शेयर में बदल दिया था ताकि कंपनी के कारोबार के लिए नकदी का प्रवाह बना रहे। इस निर्णय से कंपनी में सरकार आज 49 प्रतिशत की शेयरधारक है।
सरकार ने यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के 27 अक्टूबर और तीन नवंबर 2025 के निर्णयोंं के परिप्रेक्ष में लिया है। आयोग ने वोडाफोन के मामले को सार्वजनिक हित से जुड़ा मुद्दा माना है और इस बात पर भी गौर किया है कि कंपनी में सरकार का बड़ा हित जुड़ा है। अदालत ने यह भी कहा था कि यह मामला सरकार के नितिगत क्षेत्र में आता है और वह व्यापक हित में कंपनी के बारे में निर्णय ले सकती है।
न्यायालय के आदेश के आधार पर वोडाफोन आइडिया ने सरकार से राहत की मांग की थी।
केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा," यह देनदारी के दबाव में पड़ी एक बड़ी महत्वपूर्ण दूरसंचार कंपनी को राहत देने का एक नपातुला उपाय है। मंशा है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बरकार रहे, उपभोक्तओं का हित सुरक्षित रहे और आगे चल कर सरकार का बकाया भी वसूल हो जाए।"
मंत्रिमंडल के आज के निर्णय के अनुसार दूरसंचार विभाग कंपनी के दिसंबर 2025 तक के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) आधारित बकायों का फिर से आकलन करेगा। यह आकलन दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों की लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की प्रणाली के संदर्भ में एजीआर के लिए कटौती के पुष्टि संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
कंपनी पर 2017-18 और 2028-19 के एजीआर संबंधी बकायों का निर्धारण न्यायालय ने सितंबर 2020 में कर दिया था। इसका भुगतान 2025-26 से 2031-31 के दौरान किया जाना है।
