मुजफ्फरनगर में फर्जी कंपनियों के सहारे करोड़ों का आईटीसी घोटाला, चार कारोबारी बेनकाब, मुकदमें दर्ज

मुजफ्फरनगर। जनपद में फर्जी कंपनियों के जरिए जीएसटी चोरी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर (एसजीएसटी) की विशेष जांच शाखा (एसआईबी) मुजफ्फरनगर यूनिट ने कार्रवाई कर चार कारोबारियों को बेनकाब किया है। जांच में इनकी कंपनियां बोगस पाई गईं और करोड़ों रुपये का फर्जी आईटीसी क्लेम कर सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। विभागीय तहरीर पर नई मंडी, शहर और खालापार थानों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
शहर कोतवाली में एसआईबी सहायक आयुक्त योगेन्द्र प्रसाद सिंह ने केवलपुरी निवासी सलीम के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोपी ने सनराइज एंटरप्राइजेज, रुड़की रोड के नाम से जनवरी 2024 में पंजीकरण लिया और फर्जी बिलों के आधार पर वर्ष 2023-24 में 2.22 करोड़ रुपये का आईटीसी समायोजन करा लिया।
खालापार थाना क्षेत्र में राज्य कर अधिकारी कविंद्र सिंह ने वाजिदपुर खुर्द निवासी आशीष सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। आरोपी ने शिवा ट्रेडिंग कंपनी के नाम से पंजीकरण कर किराए के मकान को गोदाम और कार्यालय दिखाया। फर्जी फर्मों से लेन-देन दिखाते हुए उसने वर्ष 2024-25 में 6.79 करोड़ रुपये का आईटीसी क्लेम कर लिया।
नई मंडी कोतवाली में ही एसआईबी उपायुक्त मनोज कुमार शुक्ला ने रैदासपुरी निवासी सलमान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी ने क्लीन इंडिया नाम से बोगस फर्म बनाई और ई-वे बिल के जरिए आईटीसी पासऑन कर करीब 2.80 करोड़ रुपये हड़प लिए।
अधिकारियों के अनुसार, जनपद में जीएसटी चोरी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है और लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। विभाग की ओर से आवश्यक दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध करा दिए गए हैं।
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