भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत - निवेश, तकनीक और वैश्विक साझेदारी से बढ़ेगी विकास की रफ्तार
HSBC Report: एचएसबीसी म्यूचुअल फंड की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और बाजार की अस्थिरता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का घरेलू विकास चक्र अपने निचले स्तर से ऊपर उठने की ओर बढ़ रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च-तकनीकी उत्पादन और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत की भूमिका आने वाले वर्षों में विकास की गति को और बढ़ा सकती है।
निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर बनेगा विकास का इंजन
घरेलू आर्थिक कारक देंगे विकास को बढ़ावा
एचएसबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के घरेलू आर्थिक कारक भी विकास की दिशा में सहयोगी भूमिका निभा रहे हैं। कम ब्याज दरें, पर्याप्त तरलता, कच्चे तेल की गिरती कीमतें और सामान्य मानसून जैसे तत्व आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को गति देंगे। साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया कि निफ्टी का वैल्यूएशन अपने 10-वर्षीय औसत से थोड़ा ऊपर है, जो भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए सकारात्मक संकेत है।
वैश्विक चुनौतियां बनी रहेंगी जोखिम का कारण
रिपोर्ट ने संभावित जोखिमों की ओर भी इशारा किया है। इसमें कहा गया है कि कमजोर वैश्विक विकास दर, व्यापारिक नीतिगत अनिश्चितताएं, टैरिफ जोखिम, और भू-राजनीतिक संघर्ष भविष्य में भारत के विकास पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट का मानना है कि मजबूत घरेलू मांग और निवेश गतिविधियां इन चुनौतियों का संतुलन बना सकती हैं।
