भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26% बढ़ा, विदेशी बाजारों में बढ़ी मांग



यात्री वाहनों, जिनमें कार, एसयूवी और यूटिलिटी वाहन शामिल हैं, का निर्यात 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 23 प्रतिशत बढ़कर 2,41,554 यूनिट्स हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,96,196 यूनिट्स था। दूसरी तिमाही के दौरान कारों का निर्यात 20.5 प्रतिशत बढ़कर 1,25,513 यूनिट्स हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह आंकड़ा 1,04,196 यूनिट्स था। वहीं, विदेशी बाजारों में यूटिलिटी वाहनों की शिपमेंट 26 प्रतिशत बढ़कर 1,13,374 यूनिट्स हो गया है। वैन सेगमेंट के वाहनों निर्यात में सालाना आधार पर 39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि यह संख्या 2,667 यूनिट्स रही। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया 2,05,763 यूनिट्स के निर्यात के साथ सूची में शीर्ष पर रही, जबकि हुंडई मोटर इंडिया 99,540 यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रही।
जुलाई-सितंबर तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 12,95,468 यूनिट्स हो गया, जो पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में 10,35,997 यूनिट्स था। इस सेगमेंट में, मोटरसाइकिल निर्यात तिमाही के दौरान 27 प्रतिशत बढ़कर 11,08,109 यूनिट्स हो गया, जबकि स्कूटर निर्यात 12 प्रतिशत बढ़कर 1,77,957 यूनिट्स हो गया। मो-पेड निर्यात भी विदेशी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और दूसरी तिमाही में निर्यात चार गुना से अधिक बढ़कर 9,402 यूनिट्स पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 2,028 यूनिट्स पर था।
तिपहिया वाहनों का निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 51 प्रतिशत बढ़कर 1,23,480 यूनिट्स हो गया है। कुल वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़कर 24,011 यूनिट्स हो गया, जो दो अंकों में वृद्धि दर्शाता है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में सभी क्षेत्रों में मजबूत निर्यात वृद्धि भारत में निर्मित वाहनों की बढ़ती ब्रांड स्वीकार्यता को दर्शाती है।