ट्रंप ने दी हंगरी को रूस से तेल खरीदने की छूट: व्हाइट हाउस में ट्रंप–ओरबान मुलाकात से हिला यूरोप, ऊर्जा राजनीति में बड़ा बदलाव!
Trump Hungary: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हंगरी को रूस से तेल खरीदने की अनुमति देते हुए उस पर लगे प्रतिबंधों से छूट दे दी है। यह कदम हंगरी की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि यह भू-आवेष्ठित देश समुद्री मार्ग से तेल नहीं मंगा सकता और पाइपलाइन पर निर्भर है। ट्रंप और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की यह मुलाकात व्हाइट हाउस में हुई, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की खुलकर प्रशंसा की।
ऊर्जा सुरक्षा पर बड़ा निर्णय - हंगरी को मिली राहत
भूगोल बना कारण - ट्रंप का तर्क
ट्रंप ने कहा कि हंगरी को उसकी भौगोलिक सीमाओं के कारण छूट दी गई है, क्योंकि यह देश समुद्र से घिरा नहीं है और उसे तेल केवल पाइपलाइन के जरिए ही मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला आर्थिक विवशता को देखते हुए लिया गया है, न कि किसी राजनीतिक कारण से।
रूसी तेल पर निर्भरता - ओरबान का स्पष्ट रुख
प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने दोहराया कि हंगरी के लिए रूसी तेल जीवनरेखा की तरह है। उन्होंने कहा, “पाइपलाइन कोई वैचारिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक वास्तविक आवश्यकता है।” ओरबान लंबे समय से यूरोपीय संघ के भीतर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के खुले आलोचक रहे हैं।
ट्रंप और ओरबान - दो रूख, एक सोच
हंगरी यूरोपीय संघ में ट्रंप और क्रेमलिन दोनों के करीबी सहयोगी के रूप में देखा जाता है। इससे पहले ओरबान ने ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच बुडापेस्ट में शिखर बैठक की पेशकश की थी, हालांकि यूक्रेन पर हमले के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
ट्रंप का सख्त कदम - रूसी तेल कंपनियों पर प्रहार
ट्रंप प्रशासन ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी कंपनियों को एक महीने के भीतर इन कंपनियों से संबंध खत्म करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि अमेरिका और रूस के बीच आर्थिक निर्भरता घटाई जा सके।
राजनीतिक प्रतीकवाद और रणनीतिक संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक ओरबान के लिए एक प्रतीकात्मक जीत है, जो घरेलू आर्थिक दबाव और आगामी चुनावों से जूझ रहे हैं। ट्रंप ने भी यूरोपीय संघ के नेताओं से अपील की कि वे हंगरी और उसके नेता का अधिक सम्मान करें।
विशेषज्ञों की राय - ईयू में बढ़ेगा तनाव
राजनीतिक विश्लेषक डैनियल हेगेडस ने कहा कि ट्रंप का यह फैसला न केवल ओरबान की घरेलू राजनीति को मजबूती देगा, बल्कि यूरोपीय संघ के भीतर विभाजन को और गहरा कर सकता है। वहीं, ट्रंप की नीतियों से हंगरी के ऑटो उद्योग पर दबाव बढ़ने की भी संभावना है।
