मिशन शक्ति 5.0: गाजियाबाद में 7वीं की छात्रा बनी एक दिन की एसडीएम, फरियादियों की सुनी फरियाद

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए गाजियाबाद जिले में व्यापक कार्यक्रम चल रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने बताया कि यह अभियान पूरे प्रदेश में बालिका सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इस क्रम में एक अनूठी पहल के तहत 7वीं कक्षा की छात्रा करिश्मा राजपूत को एक दिन के लिए सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बनाया गया। एसडीएम की कुर्सी पर बैठकर करिश्मा ने फरियादियों की समस्याएं सुनीं, उनका निस्तारण किया और संबंधित विभागों को पत्र भेजकर शीघ्र कार्रवाई के आदेश दिए।
डीएम के अनुसार, अभियान के तहत निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
शक्ति कक्षाएं: जनपद के 21 से अधिक विद्यालयों में संचालित, जहां बालिकाओं को आत्मरक्षा और सशक्तिकरण की ट्रेनिंग दी जा रही है। शक्ति खेल स्पर्धा: ब्लॉक और जिला स्तर पर आयोजित, जिसमें प्रतिभावान बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा। शक्ति सम्मान समारोह: 29 सितंबर को हिंदी भवन में आयोजित होगा, जिसमें उद्योग, व्यापार, कृषि, मीडिया, अधिवक्ता समेत विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। कन्या पूजन व मुख्यमंत्री शक्ति कन्या सम्मान: 30 सितंबर को सवा लाख से अधिक कन्याओं का सम्मान, विशेष पूजन और मिड-डे मील व्यवस्था के साथ। शक्ति टीचर मीटिंग: अभिभावकों को बालिका शिक्षा, सपनों और नैतिकता के प्रति जागरूक करना, साथ ही बालकों को बालिकाओं के प्रति संवेदनशील बनाने पर जोर।
गाजियाबाद में मिशन शक्ति के तहत यह पहल बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करने का प्रयास है। 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली करिश्मा राजपूत को एसडीएम कार्यालय में एसडीएम की कुर्सी पर बिठाया गया। इस दौरान पीसीएस अधिकारी अरुण दीक्षित ने करिश्मा के बगल में बैठकर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।
करिश्मा के प्रमुख एक्शन:
फरियादियों की समस्याएं सुनना और उनका तत्काल निस्तारण। संबंधित विभागों को पत्र भेजकर समस्याओं के शीघ्र समाधान के आदेश जारी करना।
यह अनुभव करिश्मा को प्रशासनिक कार्यप्रणाली से परिचित कराने के साथ-साथ अन्य बालिकाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।
डीएम का संदेश
डीएम ने कहा, "बालिका सुरक्षा केवल पुलिस का विषय नहीं, बल्कि समाज की सोच से जुड़ा मुद्दा है। इसी दिशा में गाजियाबाद में निरंतर पहल की जा रही है। मिशन शक्ति के माध्यम से हम बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना चाहते हैं।" उन्होंने इस अभियान में सभी विभागों और समाज के सहयोग की अपील की।