इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उत्पादकों को बिचौलियों से मुक्त करते हुए उनके उत्पादों को सीधे बाजार तक पहुंचाना है। इसके ज़रिए न सिर्फ़ किसानों और SHG समूहों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि शहरी उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले, मिलावट रहित उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।
क्या मिलेगा इस केंद्र में?
ग्रामीण संपदा केंद्र में ऑर्गेनिक आटा, चावल, दालें, मसाले और ताज़े फल-सब्ज़ियाँ उपलब्ध हैं। इन उत्पादों को बिना किसी केमिकल के तैयार किया गया है और यह पूरी तरह प्राकृतिक खेती पर आधारित हैं।
ऑर्गेनिक खेती से जुड़े किसान जयवीर यादव और सुनील चौहान ने इस पहल पर प्रसन्नता जताई है। उनका मानना है कि इससे न केवल उन्हें बेहतर लाभ मिलेगा, बल्कि अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित होंगे।
ग्रामीण विकास की दिशा में एक मजबूत पहल
यह केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच सीधा संपर्क बनेगा और 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को भी बल मिलेगा।
जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की यह पहल स्थानीय उत्पादकों को पहचान दिलाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।