नोएडा। नोएडा शहर में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला को साइबर अपराधियों ने ट्राई अधिकारी बनकर फोन किया और दो घंटे में सिम बंद होने की चेतावनी दी। इसी दौरान फर्जी साइबर क्राइम पुलिस के लोग विडियो कॉल पर जुड़ गए। पीड़िता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। उन्हें यह जानकारी देकर ठगों ने डीजिटल अरेस्ट कर लिया। साथ ही पीड़िता और उसके परिवार को अरेस्ट करने की धमकी दी गई। महिला डरकर जांच में मदद और रकम वेरिफाई के झांसे में आकर ठगों को एक बार में 24 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर साइबर थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम शव्या गोयल ने बताया कि पुलिस को ग्रेटर नोएडा आम्रपाली लेजर वैली सोसायटी निवासी अनीता श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार को शाम 4 बजे एक अनजान व्यक्ति ने उन्हे फोन किया। उसने खुद को टेलीकॉम अधिकारी के रूप में परिचय दिया। बातचीत के दौरान ठग ने पीड़िता को बताया कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले में केस दर्ज है। इस वजह से उनका मोबाइल नंबर कुछ देर में बंद कर दिया जाएगा।
महिला कुछ समझ पाती, तभी एक फर्जी साइबर क्राइम पुलिस ने विडियो कॉल कर दी और केस में जांच अधिकारी होने की बात कही। साथ ही गिरफ्तारी का डर दिखाकर उन्हें एक कमरे में जाने के लिए बोला। ठगों ने पीड़िता से कहा कि इस जांच के बारे किसी को नहीं बताना है। क्योंकि पुलिस तुम्हारे घर की निगरानी कर रही है और किसी को जांच के बारे में पता चला तो पुलिस रेड डालेगी। साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट कर लेगी। महिला डर कर ठगों के बातों में आ गईं।
आरोपी तीन घंटे जांच के बाद उसके बैंक डिटेल के बारे में जानकारी ली और रकम वेरिफाई के बहाने 24 लाख रुपये एक बार में इंटनेट बैंकिंग के माध्यम से ट्रांसफर करा ली। आरोपी और रुपये की मांग करने लगे तो महिला को शक हुआ। इसके बाद उन्होंने परिवार वालों को बताया। घर वालों ने तुरंत साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले में जांच शुरू कर दी है।